भुवनेश्वर। ओडिशा गृह विभाग ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के भुवनेश्वर कार्यालय को औपचारिक रूप से एक पुलिस थाना घोषित कर दिया है, जिसे पूरे राज्य में अधिकार क्षेत्र प्राप्त होगा। इस संबंध में राज्य के गृह विभाग द्वारा आधिकारिक रुप से अधिसूचना जारी की गई है।
जारी अधिसूचना के अनुसार, यह घोषणा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (अधिनियम 46 का 2023) की धारा 2(1)(यू) के अंतर्गत की गई है। यह आदेश ओडिशा गजट में प्रकाशित होने की तिथि से प्रभावी होगा। प्रारंभ में यह पुलिस थाना भुवनेश्वर के वाणी विहार स्थित वीएसएस नगर में तारिणी मंदिर के निकट स्थापित किया जाएगा। यह कार्यालय पूरे ओडिशा राज्य में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करेगा। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलते ही एनआईए की टीम तत्काल जांच शुरू करेगी। स्थायी कार्यालय की स्थापना के पश्चात, यह शाखा स्थानांतरित की जाएगी। फिलहाल स्थायी भवन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों में एनआईए की शाखाएं स्थापित करने की घोषणा की थी, जिससे आतंकवाद से जुड़े मामलों की प्रभावी जांच की जा सके। उन्होंने राज्यों से केंद्र के साथ समन्वय बनाकर सीमाहीन अपराध, सीमा पार आतंकवाद और संगठित अपराध के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अपील की थी।
यह निर्णय हाल ही में ओडिशा में हुई आतंकवाद-निरोधी जांचों के क्रम में आया है। इनमें चर्चित ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी शामिल है, जिन पर पाकिस्तान से जुड़े जासूसी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। हरियाणा निवासी मल्होत्रा ने सितंबर 2024 में पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर सहित ओडिशा के विभिन्न स्थलों का दौरा किया था। इस दौरान वह पुरी की व्लॉगर प्रियंका सेनापति के साथ थीं।
पिछले कुछ वर्षों में ओडिशा में लाल आतंकवाद, इस्लामी आतंकवाद और बांग्लादेशी नेटवर्क से संबंधित कई प्रकरण सामने आए हैं। 2015 में एनआईए ने कटक जिले के सालेपुर ब्लॉक स्थित पश्चिम कछ गांव से अब्दुल रहमान को अल-कायदा से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी प्रकार, राउरकेला से सिमी से जुड़े पांच लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। इन पर मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था। इसके अलावा पाकिस्तान से जुड़े एजेंटों को ओटीपी साझा करने वाले साइबर अपराध के मामलों की भी जांच एनआईए ने की है।
भुवनेश्वर के लक्ष्मीसागर थाना क्षेत्र स्थित मांगराज प्वाइंट से एक सिम बॉक्स रैकेट मामले में कोलकाता के राज्जू मंडल की गिरफ्तारी हुई थी। इस गिरोह का मास्टरमाइंड बांग्लादेशी नागरिक अशादुर ज़मान अभी फरार है। बालासोर स्थित डीआरडीओ कार्यालय के एक फ़ोटोग्राफर द्वारा पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने का मामला भी एनआईए के जांच के दायरे में आया था। समंतरापुर निवासी अख्तर हुसैन खान को भी संदिग्ध आतंकी संबंधों के चलते पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
पुरी ट्रेन अग्निकांड, कटक में बांग्लादेशी नाबालिग से अनैतिक कार्य कराए जाने और माओवादी गतिविधियों में हथियार आपूर्ति जैसे मामलों में एनआईए ने छापेमारी और गिरफ्तारियां की हैं। दिसंबर 2024 में चित्तूर (आंध्र प्रदेश) में माओवादियों को हथियार भेजने के आरोपों की जांच में ओडिशा में भी कई स्थानों पर छापेमारी की गई थी।
आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि एनआईए शाखा की स्थापना से राज्य में आतंकवाद और माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगेगी तथा राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ निगरानी व जांच प्रणाली और अधिक प्रभावी होगी।
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