पुलिस की गिरफ्त में नोमान इलाही
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से देश में एक के बाद एक पाकिस्तानी जासूसों की धरपकड़ की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तेजी के साथ इन देश विरोधी तत्वों को पकड़ने में लगी हुई हैं। इसी क्रम में हरियाणा के कैराना के बेगमपुरा मोहल्ले से पकड़े गए नोमान इलाही से पूछताछ में पता चला है कि पाकिस्तान के लिए जासूसी के एवज में उसे भारतीय बैंकों में खाताधारकों के द्वारा पैसे भेजे जाते थे।
नोमान इलाही को भारतीय खाताधारकों के द्वारा जासूसी का पैसा भेजे जाने की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। अब जांच एजेंसियों को इस बात का यकीन हो गया है कि अवश्य कोई न कोई और गद्दार है, जो इस नेटवर्क को चला रहा है। अब नोमान इलाही के अकाउंट में जिन भी अकाउंट से पैसा आया था, वे अकाउंट जांच एजेंसियों की रडार पर हैं। उन्हीं अकाउंट के जरिए एजेंसियां उस पैसे भेजने वाले तक पहुंचेंगी।
हरियाणा पुलिस की 7 दिन की रिमांड में पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही हर दिन कुछ नए राज खोल रहा है। वो ये स्वीकार कर चुका है कि वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट इकबाल काना के संपर्क में है। वो नोमान इलाही से लगातार भारत में सैन्य ठिकानों, गुरुदासपुर और पठानकोट में सेना की मूवमेंट और ट्रेनों के विषय में लगातार जानकारियां मांगता रहता था। पहलगाम हमले के बाद जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था, तब काना ने नोमान इलाही को श्रीनगर जाने का काम सौंपा।
जासूसी के मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों को इस बात का शक है कि जिस प्रकार से एक बाद एक जासूस पकड़े गए पहले ज्योति मल्होत्रा, कैथल से देवेंद्र सिंह, नूंह से अरमान और कैराना से नोमान इलाही । अब जांच एजेंसियों को इस बात का पूरा शक है कि हो न हो इन जासूसों के बीच कोई तो ऐसी कड़ी है, जो आपस में जुड़ रही हो। इसी का पता लगाने की कोशिश में अब एजेंसियां जुटी हुई हैं।
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