आपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग को दिखावा और ढोंग बताने वाले अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अली खान महमूदाबाद का जन्म 2 दिसंबर 1982 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ। वह मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान उर्फ सुलेमान के बेटे हैं, जिन्हें महमूदाबाद के राजा साहब के नाम से भी जाना जाता है। उनके दादा मोहम्मद आमिर अहमद खान महमूदाबाद के अंतिम शासक थे और भारत के विभाजन के पहले मुस्लिम लीग में एक प्रभावशाली व्यक्ति थे।
प्रोफसर के परिवार का जिन्ना से करीबी रिश्ता
इस बीच सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ा एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उनके परिवार और मोहम्मद अली जिन्ना के बीच करीब रिश्ते होने का दावा किया गया है। वरिष्ठ पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव ने अली खान की गिरफ्तारी के बाद उनसे जुड़ा पोस्ट ‘गिरफ्तार प्रोफेसर का जिन्ना कनेक्शन’ रविवार (18 मई) को एक्स पर शेयर किया। उन्होंने अशोका यूनिवर्सिटी को वामपंथी विचारधारा को पोषित करने वाला बताते हुए लिखा, “यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। मुझे लगता है कि आप लोगों को इनके परिवार का इतिहास पता होना चाहिए। इनके परिवार का मोहम्मद अली जिन्ना से बहुत करीबी रिश्ता है और इनके परिवार ने पाकिस्तान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”
प्रखर श्रीवास्तव आगे लिखते हैं कि इनके दादाजान का नाम मोहम्मद आमिर अहमद खान उर्फ राजा महमूदाबाद था और वो यूपी के महमूदाबाद के नवाब थे। राजा महमूदाबाद जिन्ना के बेहद करीबी थे। जिन्ना उन्हें अपने बेटे की तरह प्यार करते थे। राजा महमूदाबाद को जिन्ना ने मुस्लिम लीग की छात्र ईकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद वो मुस्लिम लीग के कोषाध्यक्ष बनाए गए। राजा महमूदाबाद ने मुस्लिम लीग को भारी मात्रा में चंदा दिया और मुस्लिम लीग के प्रोपेगैंडा अखबार डॉन की आर्थिक मदद की।
वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार, पाकिस्तान जब बना तो उस समय तक राजा महमूदाबाद इराक में बस चुके थे। इसके बाद वो 1957 में पाकिस्तान गए और अपनी सारी संपत्ति पाकिस्तान को दान दे दी। यूपी और उत्तराखंड में मौजूद अपनी संपत्ति की देखभाल करनी थी इसलिए राजा महमूदाबाद के बेटे आमिर मोहम्मद खान उर्फ सुलेमान बंटवारे के बाद भी पाकिस्तान नहीं गए। ये यूपी में दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी बने।
गिरफ्तार प्रोफेसर का जिन्ना कनेक्शन!
वामपंथी विचारधारा को पोषित करने वाली अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान मेहमूदाबाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित टिप्पढ़ी करने का आरोप है। मुझे लगता है कि आप लोगों के इनके परिवार का इतिहास पता होना चाहिए।… pic.twitter.com/qBa3uiwPVI
— Prakhar Shrivastava (@Prakharshri78) May 18, 2025
बीजेपी यूपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने भी एक्स पर प्रखर श्रीवास्तव का पोस्ट शेयर किया है। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पोस्ट को देखकर यूजर्स काफी आक्रोशित हैं। रवि कुमार नाम के यूजर ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “विभाजन के बाद भी पाकिस्तान बनाने वालों को भारत में रोकने वालों पर लानत है। भारत विभाजन के बाद भी जिहाद के खतरे से मुक्त नहीं हो पाया है।” गीता तोमर लिखती हैं कि ये भारत के अंदर बैठे आतंकवादी हैं। डॉक्टर रोशनी सेनगुप्ता ने लिखा, “जब पाकिस्तान की इतनी चाहत थी, तो वहां बटवारे के वक्त चले क्यों नहीं गए? अब इनको क्या माना जाए? पाकिस्तानी या हिंदुस्तानी?” हरीश नाम के यूजर ने प्रोफेसर पर आक्रोश व्यक्त करते हुए लिखा, “कोई इतना बड़ा देशद्रोही गद्दार हो सकता है? यह जानकर बहुत आश्चर्य हो रहा है।”
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि लाखों हिंदुओं के हत्यारे पाकिस्तान के निर्माता, काफिरों के खून के प्यासे दरिंदों के साथ हम रह रहे हैं। इतना ही नहीं ये दरिंदे, प्रोफेसर, डॉक्टर, आईएएस, वकील, जज, प्रिंसिपल, शिक्षक, डारेक्टर और पत्रकार के भेष में हिंदुओं को चारों और से घेर के तबाह कर रहे हैं। हिंदुओं जागो नहीं तो कहीं के नहीं रहोगे।
क्या है पूरा मामला
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर गिरफ्तार किया गया है। महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रेस ब्रीफिंग करने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दोनों महिला अधिकारियों को प्रेस ब्रीफिंग के लिए भेजने को दिखावा और ढोंग बताया था, जिसके बाद हरियाणा महिला आयोग ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रोफेसर को नोटिस भेजकर उन्हें तलब किया था। आयोग ने प्रोफेसर के पोस्ट में प्रयुक्त शब्द नरसंहार, पाखंड, अमानवीकरण को आपत्तिजनक माना है।
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