प्रधानमंत्री ने 13 मई ने आदमपुर वायुसेना अड्डे पर वायु सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का एक-एक क्षण भारत की सेनाओं के सामर्थ्य की गवाही देता है। उन्होंने सेना के तीनों अंगों की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी वर्तमान के साथ ही देश की आने वाली पीढ़ियों की और उनके लिए भी नई प्रेरणा बन गए हैं। प्रस्तुत हैं संबोधन के संपादित अंश-
‘ऑपरेशन सिंदूर’ कोई सामान्य सैन्य अभियान नहीं है। यह भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है। भारत बुद्ध की भी धरती है और गुरु गोबिंद सिंह जी की भी धरती है।
गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा था-
‘‘चिड़िया नाल मैं बाज़ लड़ावां,
सवा लाख्ग से ते एक लड़ावां,
तां गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।”
अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए शस्त्र उठाना हमारी परंपरा है। आतंक के आकाओं को अब समझ आ गया है, भारत की ओर नजर उठाने का एक ही अंजाम होगा- तबाही! भारत में निर्दोष लोगों का खून बहाने का एक ही अंजाम होगा- विनाश और महाविनाश! जिस पाकिस्तानी सेना के भरोसे आतंकी बैठे थे, भारत की तीनों सेनाओं ने उस पाकिस्तानी सेना को भी धूल चटा दी है। पाकिस्तानी फौज को भी बता दिया है, यहां ऐसा कोई ठिकाना नहीं है, जहां बैठकर आतंकवादी चैन की सांस ले सकें। हम घर में घुसकर मारेंगे और बचने का एक मौका तक नहीं देंगे। और हमारे ड्रोन्स, हमारी मिसाइलें, उनके बारे में तो सोचकर पाकिस्तान को कई दिन तक नींद नहीं आएगी।
स्वाभिमान को नई ऊंचाई
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से आपने देश का आत्मबल बढ़ाया है, देश को एकता के सूत्र में बांधा है और आपने भारत की सीमाओं की रक्षा की है। भारत के स्वाभिमान को नई ऊंचाई दी है। एयरफोर्स ने जिस तरह पाकिस्तान में भीतर तक आतंक के अड्डों को लक्षित किया, वह अभूतपूर्व, अकल्पनीय, अद्भुत है। सिर्फ 20-25 मिनट के भीतर सीमापार लक्ष्यों को भेदना, बिल्कुल पिन पॉइंट टारगेट्स को हिट करना, यह सिर्फ नई तकनीक लैस पेशेवर सेना ही कर सकती है। स्पीड और प्रिसीजन इस लेवल की थी कि दुश्मन हक्का-बक्का रह गया। उसको पता ही नहीं चला कि कब उसका सीना छलनी हो गया।
हमारा लक्ष्य, पाकिस्तान के अंदर आतंकी हेडक्वार्टर्स को हिट करने का था, आतंकियों को हिट करने का था। लेकिन पाकिस्तान ने अपने यात्री विमानों को सामने करके जो साजिश रची, मैं कल्पना कर सकता हूं, वह पल कितना कठिन होगा। मुझे गर्व है आपने बहुत सावधानी, बहुत सतर्कता से सिविलियन एयरक्राफ्ट को नुकसान किए बिना उसका जवाब दे दिया। पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने और उनके एयरबेस ही तबाह नहीं हुए, बल्कि उनके नापाक इरादे और उनके दुस्साहस, दोनों की हार हुई है।
सेनाओं का शानदार समन्वय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बौखलाए दुश्मन ने इस एयरबेस (आदमपुर) के साथ-साथ हमारे अनेक एयरबेस पर हमला करने की कई बार कोशिश की। बार-बार उसने हमें टारगेट किया, लेकिन पाक के नाकाम, नापाक इरादे हर बार नाकाम हो गए। पाकिस्तान के ड्रोन, उसके UAV, पाकिस्तान के एयरक्राफ्ट और उसकी मिसाइलें, हमारे सशक्त एयर डिफेंस के सामने सब के सब ढेर हो गए।
आतंक के विरुद्ध भारत की लक्ष्मण रेखा अब एकदम स्पष्ट है। अब फिर कोई टैरर अटैक हुआ, तो भारत जवाब देगा, पक्का जवाब देगा। इस दौरान हमारी सेनाओं का को-ऑर्डिनेशन शानदार था। नेवी ने समुद्र पर अपना दबदबा बनाया। सेना ने बॉर्डर पर मजबूती दी और भारतीय वायुसेना ने अटैक भी किया और डिफेंड भी किया। बीएसएफ और दूसरे बलों ने भी अद्भुत क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। एकीकृत वायु एवं भूमि युद्ध प्रणाली ने शानदार काम किया है। यह एकजुटता अब भारतीय सेनाओं के सामर्थ्य की एक मजबूत पहचान बन चुकी है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मानवशक्ति के साथ मशीन का समन्वय भी अद्भुत रहा है। भारत के पारंपरिक एयर डिफेंस सिस्टम हों, जिन्होंने अनेक लड़ाइयां देखी हैं या फिर आकाश जैसे हमारे मेड इन इंडिया प्लेटफॉर्म हों, S-400 जैसे आधुनिक और सशक्त डिफेंस सिस्टम ने इनको अभूतपूर्व मज़बूती दी है। एक मजबूत सुरक्षा कवच भारत की पहचान बन चुकी है। पाकिस्तान की लाख कोशिश के बाद भी, हमारे एयरबेस हों या फिर हमारे दूसरे डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन पर आंच तक नहीं आई। बॉर्डर पर तैनात हर सैनिक, इस ऑपरेशन से जुड़े हर व्यक्ति को इसका श्रेय जाता है।
तकनीक में नहीं टिकता पाकिस्तान
आज हमारे पास नई और अत्याधुनिक तकनीक (cutting edge technology) का ऐसा सामर्थ्य है, जिसका पाकिस्तान मुकाबला नहीं कर सकता।
बीते दशक में एयरफोर्स सहित हमारी सभी सेनाओं के पास दुनिया की श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी पहुंची है। लेकिन हम सब जानते हैं, नई टेक्नोलॉजी के साथ चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी होती हैं। लेकिन आपने सिद्ध कर दिया है कि आप इसमें दुनिया में बेहतरीन हैं। भारत की वायुसेना अब सिर्फ हथियारों से ही नहीं, डेटा और ड्रोन से भी दुश्मन को छकाने में माहिर हो गई है।
हमें दुश्मन को याद दिलाते रहना है, यह नया भारत है। यह भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर मानवता पर हमला होता है, तो यह भारत युद्ध के मोर्चे पर दुश्मन को मिट्टी में मिलाना भी अच्छी तरह जानता है।
‘शक्ति से जाता है शांति का मार्ग ’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब आतंकवाद के विरुद्ध भारत की नई नीति है। उन्होंने कहा कि इस आश्वासन के बाद कि पाकिस्तान कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं करेगा, भारत ने डीजीएमओ स्तर की बातचीत पर विचार किया है। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने आतंकी ढांचे का सफाया करना ही होगा। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते, टैरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर भारत की जवाबी कार्रवाई अभी सिर्फ स्थगित की गई है। प्रस्तुत हैं प्रधानमंत्री मोदी के उसी संबोधन के संपादित अंश
टिप्पणियाँ