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ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्षी नेताओं और इन्फ्लुएंसर्स की सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणियों की बौछार

यह रिपोर्ट भारत के कुछ नेताओं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के खिलाफ की गई नकारात्मक टिप्पणियों पर आधारित है।

Published by
Mahak Singh

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया। इस कार्रवाई के तहत पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर सहित 21 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के करीब 100 आतंकवादियों समेत कुल 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।

यह रिपोर्ट भारत के कुछ नेताओं और सोशल मीडिया प्रभावशाली व्यक्तियों (इन्फ्लुएंसर्स) द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ की गई नकारात्मक टिप्पणियों पर आधारित है। इसमें ऐसी 41 घटनाओं का उल्लेख है, जिनमें इस ऑपरेशन की आलोचना की गई।

7 मई 2025- नाम- आरफा खानम शेरवानी (पत्रकार द वायर)

बयान- आरफा खानम ने कहा कि पाकिस्तान में जहां हमला हुआ, वहां आतंकवादी नहीं, बल्कि आम लोग मारे गए। यह सही नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध नहीं होना चाहिए। हमें आपसी शांति और समझ की जरूरत है।

7 मई 2025- नाम- महुआ माजी (झारखंड से झामुमो की राज्यसभा सांसद)

बयान- हमें पाकिस्तान से लड़ाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उसके पास परमाणु बम है।

8 मई 2025- नाम- उदित राज (कांग्रेस नेता)

बयान- सिंदूर एक विशेष धर्म और समुदाय से जुड़ा प्रतीक है, जिसे आमतौर पर उसी समुदाय की महिलाएं इस्तेमाल करती हैं। इसलिए इस नाम को धर्मनिरपेक्ष नहीं कहा जा सकता। किसी अभियान या ऑपरेशन का नाम ऐसा होना चाहिए जो सभी धर्मों और समुदायों का समान रूप से प्रतिनिधित्व करता हो।

7 मई 2025- नाम-कीर्ति देओलेकर (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान- ऑपरेशन ‘सिंदूर’ नाम ठीक नहीं लगा… लेकिन मोदी, भाजपा और आरएसएस से ऐसी ही किसी चीज़ की उम्मीद थी। और जो लोग कहते हैं कि अभी ये बात नहीं करनी चाहिए? तो उनसे बस यही कहना है। तो बस दफा हो जाओ।

7 मई 2025 नाम-रवीश कुमार (पत्रकार)

बयान- “भारत कह रहा है कि हमने किसी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया। लेकिन गोदी मीडिया दावा कर रही है कि हमने पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला किया और उसे नुकसान पहुँचाया।

7 मई 2025- नाम-विनोद कापड़ी (पूर्व पत्रकार)

बयान- “युद्ध एक विभीषिका है। जीता जागता नर्क। हर किसी के लिए।”

7 मई 2025- नाम वैष्णा रॉय (पत्रकार फ्रंटलाइन)

बयान- “सिद्धांत रूप से, मुझे ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ नाम पर गंभीर आपत्ति है। इसमें पितृसत्ता, महिलाओं के स्वामित्व, “सम्मान” हत्याओं, शुद्धता, विवाह की संस्था को अपवित्र करने और इसी तरह के हिंदुत्व जुनून की बू आती है।”

https://twitter.com/rishibagree/status/1919994597373047197

7 मई 2025- नाम- राज ठाकरे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना- नेता)

बयान- भारत को मॉक ड्रिल या पाकिस्तान पर हमला करने की ज़रूरत नहीं है। जैसे अमेरिका 9/11 के बाद युद्ध में गया, वैसे ही भारत को दिखावा नहीं करना चाहिए। सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। वह ‘ठाकरे’ उपनाम वाले हैं, इसलिए मैं हमेशा बीजेपी को उनसे दूर रहने की सलाह देता हूं।

7 मई 2025- नाम सुचित्रा विजयन (लेखक)

बयान- 6 मई के शुरुआती घंटों में, भारत ने कोटली, मुजफ्फराबाद और अहमदपुर को निशाना बनाते हुए “ऑपरेशन सिन्दूर के तहत हमले शुरू किए। एक बच्चे सहित कम से कम तीन नागरिक मारे गए, और बारह अन्य घायल हो गए। कथित तौर पर दो मस्जिदों पर हमला किया गया। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह याद रखें: मोदी को युद्ध की जरूरत है। उन्हें अपने दो कार्यकालों की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए इसकी जरूरत है। सत्ता पर काबिज रहने के लिए उसे इसकी जरूरत है।

7 मई 2025- नाम- इमरान मसूद (कांग्रेस नेता)

बयान- सरकार को यह बताना चाहिए कि कितने आतंकवादी मारे गए और उनका कितना नुकसान हुआ, तभी हमें संतोष मिलेगा।

7 मई 2025- नाम राशिद अल्वी (कांग्रेस नेता)

बयान- “इससे बेहतर जवाब दिया जाना चाहिए, यह तो बहुत कम है। हमारी सेनाओं ने वही किया जो भारत सरकार ने उनसे करने को कहा, लेकिन फिर सवाल उठता है, क्या हर आतंकवादी को मारा गया? क्या अब कभी पहलगाम जैसी घटना नहीं होगी?”

7 मई 2025- नाम – नारायणम (सीपीआईएम नेता)

बयान- “हमने भारतीय सेना को आतंकवादियों को खत्म करने के लिए प्रशिक्षित किया है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के लिए नहीं। हम युद्ध के खिलाफ हैं। पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित है। हमें आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना चाहिए।”

7 मई 2025- नाम एस. लोरा (एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में सहायक प्रोफेसर)

बयान- “भारत ने ऑपरेशन के नाम पर पाकिस्तान में एक बच्चे को मार डाला और दो लोगों को घायल कर दिया। निर्दोष लोगों की जान लेना चुनावी स्टंट और खून की प्यास को दर्शाता है, यह बहादुरी नहीं बल्कि कायरता है।”

7 मई 2025- नाम अहिल्या बामरू (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान- “युद्ध कोई जीत नहीं है, यह एक त्रासदी है। युद्ध केवल ऐसे घाव छोड़ता है जो कभी नहीं भर सकते। कोई नहीं जीतता, नागरिकों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।”

https://twitter.com/atyantmastikhor/status/1920120973723828414

8 मई 2025- नाम अम्बेडकरवादी (दलित एक्टिविस्ट)

बयान- ‘हम शांति चाहते हैं युद्ध नहीं।”

https://twitter.com/neha_laldas/status/1920207598302732313

7 मई 2025- नाम- संजना ऋषि (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान- यह स्ट्राइक सही थी, लेकिन इसमें आम लोग मारे गए। युद्ध का कोई भी काम, चाहे वह जरूरी हो, दुखद होता है। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और कश्मीर में आम लोगों की मौत हुई। किसी की मौत का जश्न नहीं मनाना चाहिए। पाकिस्तान के लोगों ने भी पहलगाम की घटना का जश्न नहीं मनाया।

7 मई 2025- नाम – दिव्यांशी पुरोहित (KIIT यूनिवर्सिटी फेलो)

बयान- यह तो लोगों को उलझाने और भ्रमित करने वाली बात है। क्या आप यह कहना चाहते हैं कि उन्होंने ऐसा किया, तो अब हम भी वही करेंगे? क्या हम बच्चे हैं? क्या हम अपना टैक्स इसलिए देते हैं ताकि आप बम गिराएं और लोगों की जान लें?”

7 मई 2025- नाम- शीना चंदेल (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान-“भारत ने पाकिस्तान के 9 ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया है। कायरता की शुरुआत हो गई है।”

8 मई 2025- नाम- देवांशु डे (KIIT यूनिवर्सिटी का छात्र)

बयान- “मैंने देखा कि पहलगाम हमले को लेकर एक भी पाकिस्तानी व्यक्ति खुश नहीं था, सभी ने उसकी निंदा की। लेकिन ट्विटर पर कई भारतीय लोग एक मासूम बच्चे की मौत पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। इससे बड़ी दो राष्ट्र सिद्धांत को सही ठहराने वाली बात और कोई नहीं हो सकती। हिंदुत्व की कट्टर सोच का यह चेहरा न केवल डरावना है, बल्कि बेहद शर्मनाक भी है।”

7 मई 2025- नाम तीस्ता शीतलवाड़ (Citizens for Justice and Peace (CIP) नामक संगठन की सचिव)

बयान- “शांति चाहिए, युद्ध नहीं। शांति चाहिए, आतंकवाद नहीं। नफरत मत फैलाओ, युद्ध मत करो।” बाद में इन्होने एक्स के साथ अपनी पोस्ट हटा दी।

7 मई 2025- नाम – अमीना निजाम (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान- “मुझे दुख है कि हमारे देश ने हत्या को एक समाधान मान लिया है, जबकि अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं और हमारी आर्थिक हालत भी बहुत खराब है। याद रखिए, न तो युद्ध से शांति आती है और न ही किसी की जान लेने से। मैं इस फैसले का समर्थन नहीं करती। जो लोग सोचते हैं कि उन्होंने पहलगाम हमले का बदला ले लिया, वे गलतफहमी में हैं। यह ऐसा युद्ध है जिसमें आम लोग ही सबसे ज़्यादा तकलीफ झेलेंगे। मैं एक भारतीय हूं, और मैं देश के लोगों की भलाई के लिए सोचती हूं, न कि सिर्फ तब बोलती हूं जब मेरे घमंड को चोट पहुंचती है।”

8 मई 2025- नाम-शुभांगी दत्ता (KIT यूनिवर्सिटी फेलो)

बयान- मुझे नहीं लगता कि आप में से ज्यादातर लोग समझते हैं कि “युद्ध” असल में क्या होता है।” “लेकिन इससे भारत बेहतर बनेगा।” नहीं, ऐसा नहीं होने वाला।

7 मई 2025- नाम – अक्रमा मियानूर (KIIT यूनिवर्सिटी का छात्र)

बयान- “मैंने देखा कि पहलगाम हमले के बाद एक भी पाकिस्तानी ने उसकी तारीफ़ नहीं की, बल्कि सभी ने उसकी आलोचना की। लेकिन ट्विटर पर कई भारतीय एक मासूम बच्चे की मौत का जश्न मना रहे हैं। यह देखकर लगता है कि ‘दो राष्ट्र’ की सोच को मानने वालों को और बल मिलता है। हिंदुत्व की कट्टर सोच का असली रूप बहुत डरावना और शर्मनाक नज़र आता है।”

7 मई 2025- नाम सन्नी कुचेकर (छात्र)

बयान- “क्या भारतीय सेना को सच में लगता है कि वह बच्चा एक आतंकवादी था? और जो लोग इस घटना पर गर्व कर रहे हैं कि भारत ने आम नागरिकों पर हमला किया — उन्हें शर्म आनी चाहिए। ऐसा सोचने वाले भी आतंकवादियों जैसे ही हैं। जरा सोचिए, आपको इस बात पर गर्व है कि भारत ने एक बच्चे पर मिसाइल चलाई। आप इस भयावह काम का खुलकर समर्थन कर रहे हैं और खुद को सही समझते हैं। यह वही देश है जहाँ रेप जैसे घिनौने अपराधों पर भी मजाक उड़ाया जाता है, और लोग बिना किसी सज़ा के बच निकलते हैं, क्योंकि ऐसे मज़ाक कुछ लोगों को “मर्दाना” लगते हैं। तो हाँ, यह अब हैरानी की बात नहीं है कि इंसानियत आज बहुत कम रह गई है।”

8 मई 2025- नाम-दीपेंद्र राजा पांडे (अनुवादक, चित्रकार)

बयान- ‘युद्ध से कभी किसी का भला नहीं हुआ। अभी भी संभवतः वक्त है।

9 मई 2025- नाम-चीव (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान-“आप में से कुछ लोग वास्तव में इस तथ्य को नहीं समझते हैं कि युद्ध में कोई भी वास्तव में कभी नहीं जीतता है, यह हमेशा वे लोग होते हैं जो युद्ध की कीमत नहीं जानते हैं जो इसे सबसे अधिक बढ़ावा देते हैं।”

9 मई 2025- नाम-एलीट मेल (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान- “सच्ची देशभक्ति शांति में है। युद्ध से सिर्फ़ विनाश होता है। खून सीमाएँ नहीं, लोग बहाते हैं। युद्ध रोकिए। अभी तनाव कम कीजिए।”

9 मई 2025- नाम-नेहा सिंह राठौर (भोजपुरी लोक गायक)

बयान- “लाशें भारत और पाकिस्तान में गिर रही हैं, हथियार यूरोप वालों के बिक रहे हैं, बताओ युद्ध कौन जीत रहा है?

9 मई 2025- नाम – श्याम मीरा सिंह (यूट्यूबर)

बयान- “जिनके पिता युद्ध में लड़ते हैं वे युद्ध नहीं चाहते जिनके बेटे युद्ध में लड़ते हैं- वे युद्ध नहीं चाहते जिनके भाई युद्ध में होते हैं- वे युद्ध नहीं चाहते जिनके पति युद्ध में होते हैं- वे युद्ध नहीं चाहतीं, युद्ध युद्ध युद्ध सिर्फ वे चिंघाड़ते हैं जिनका कोई नहीं होता युद्ध में।”

8 मई 2025- नाम हुसैन (डॉक्टर)

बयान-“जिन लोगों ने कभी अपने सामने किसी की मौत नहीं देखी, वे ही अक्सर युद्ध का समर्थन करते हैं। इसलिए हालात बिगड़ने से पहले ही तनाव कम करना जरूरी है।”

8 मई 2025- नाम- दराब फारूकी (कहानीकार/ पटकथा लेखक)

बयान- “तनाव कम करें। मनुष्य युद्ध के कार्बोहाइड्रेट हैं।”

7 मई 2025- नाम-नेहा दीक्षित (कहानीकार / पटकथा लेखक)

बयान- “युद्ध को ना कहें। और ऐसा कहने से न डरे, भले ही यह लोकप्रिय राय न हो।”

8 मई 2025- नाम – सिडसम (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान- “यह पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि भारतीयों का एक बहुत बड़ा हिस्सा युद्ध नहीं चाहता। यह केवल मुट्ठी भर युद्ध-प्रेमी पागल हैं जो इसके लिए प्यासे हैं ताकि उनके दादा के सीने पर एक और खून से सना हुआ पदक हो सके।”

9 मई 2025- नाम प्रशांत भूषण (वकील और एक्टिविस्ट)

बयान- “मीडिया और समाज में जो कट्टरता और युद्ध की मांग बढ़ रही है, उससे किसी को भी कोई लाभ नहीं होगा। हमें एक कदम पीछे हटकर युद्ध की कीमत और उसके परिणामों के बारे में शांतिपूर्वक और समझदारी से सोचना चाहिए। स्वतंत्र सोशल मीडिया को बंद करना भी कोई समाधान नहीं है। हमें स्थिति को शांत करने की जरूरत है।

8 मई 2025- नाम कशिश सिंह (पत्रकार)

बयान- युद्ध में कोई नहीं जीतता। आम लोग और सैनिक ही सबसे ज्यादा मरते हैं और सबसे ज्यादा तकलीफें झेलते हैं…… अगर देशभक्ति का कोई मतलब है, तो वह है जीवन की रक्षा करना, विनाश को बढ़ावा देना नहीं। पीछे हटने का समय आ गया है। इसे खत्म करने का समय आ गया है।”

9 मई 2025- नाम-कवि अरंगम (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर)

बयान-“तनाव को कम करना सबसे जरूरी है। इसका असर मासूम लोगों पर पड़ता है। चलिए, संघर्ष की बजाय शांति और जीवन की रक्षा को प्राथमिकता दें। अब विनाश के बजाय करुणा को चुनने का समय आ गया है।”

8 मई 2025- नाम-राकेश रंजन (कार्टूनिस्ट (Molitics))

बयान- “जिन्हे पता है युद्ध का नुकसान, वो कभी नहीं चाहेंगे युद्ध !”

8 मई 2025- नाम – सबा नकवी (मीडिया पर्सनैलिटी)

बयान-“युद्ध सभी के लिए एक बड़ी मुसीबत है। लोग डर जाते हैं, सैनिक अपनी जान खो देते हैं, और अर्थव्यवस्था बहुत बिगड़ जाती है। युद्ध सोशल मीडिया या टीवी के स्टूडियो में नहीं होते।”

8 मई 2025- नाम- निर्झरी सिन्हा (निदेशक, प्रावदा मीडिया फाउंडेशन (AltNews) / जनसंघर्ष मंच के संस्थापक सदस्य)

बयान- यह अंधभक्ति का जवाब देने का सबसे गलत तरीका है। अगर युद्ध हुआ, तो और भी बहुत सी जानें जाएंगी और हमारी अर्थव्यवस्था भी तबाह हो जाएगी। मैंने कई युद्ध देखे हैं, और ये हमेशा आम लोगों के लिए बहुत बुरा साबित होते हैं।

8 मई 2025- नाम- राजू परुलेकर (लेखक)

बयान- “जिनका युद्ध में कोई नहीं होता वो युद्ध चाहते हैं।”

8 मई 2025- नाम-पंखुड़ी पाठक (मीडिया पैनलिस्ट INC)

बयान- “जिनका युद्ध में कोई नहीं होता वो युद्ध चाहते हैं।”

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