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Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

असीम मुनीर की वैसे भी सियासी और सैन्य अधिष्ठानों में कोई साख नहीं बची है। उसने सेना में जितना भ्रष्टाचार पनपाया है उसकी मिसाल नहीं है। उसी ने अल कायदा के करीबी रहे प्रतिबंधित 'परमाणु विशेषज्ञ' के बेटे अहमद को सैन्य प्रवक्ता बनाया है

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Alok Goswami

आपरेशन सिंदूर के अंतर्गत आतंकियों और उनके आका ‘आतंकिस्तान’ की कमर तोड़ते हुए भारत के हमलों से न सिर्फ पाकिस्तान की सत्ता कांपने लगी थी बल्कि फौज के बड़े बड़े अफसरों ने विदेश भाग जाने का फैसला कर लिया था। छनकर आ रहीं जानकारियों के अनुसार, भारत की मिसाइलों के अचूक निशाने जब पाकिस्तान के हावई अड्डों को एक के बाद एक करके बर्बाद करने लगे तो जिन्ना के पैदा किए कट्टरपंथी आतंकित हो उठे थे। वहां के नूर खान हवाईबेस पर भारत की मिसाइल वर्षा के बीच फौजी कमांडरों के दिमाग में ऐसा खौफ बैठा कि वे फौरन पास के बंकरों में जा दुबके। फौजी मुखिया जनरल असीम मुनीर खुद एक बंकर में छुप गया था और 2—3 घंटे बाद खतरा टला देखकर ही बाहर निकला। उसके बाद उसे किसी सुरक्षित पनाहगाह में छुपाया गया था।

पता चला है कि पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल मुनीर को रावलपिंडी के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) में ही बने एक सुरक्षित बंकर में पहुंचाया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा बोले गए उस हमले में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के कई ठिकानों पर सटीक हमले करने के बाद, 11 प्रमुख एयरबेस के परखच्चे उड़ाए गए थे।

भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर में पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या को बहुत गंभीरता से लेते हुए 6—7 मई की मध्य रात्रि आपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो संघर्षविराम के बाद स्थगित हुआ है लेकिन आतंक की एक भी घटना होने पर बहाल किए जाने की घोषणा की गई है। भारत की कठोर लेकिन संयमित सैन्य कार्रवाई के बाद जिन्ना के देश ने अपनी फितरत पर उतरते हुए भारत के धर्म स्थलों, आम नागरिकों के घरों और सीमा पर गोलाबरी करनी शुरू की थी। ​इसके जवाब में भारत ने जबरदस्त प्रहार किया और अनेक सैन्य ठिकानों को धूल धूसरित कर दिया।

बर्बाद हुआ नूर खान हवाईबेस

ऑपरेशन सिंदूर आज आतंक के विरुद्ध प्रखर सैन्य अभियान का पर्याय बनकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हो चुका है। जिन्ना के देश में चल रहीं नौ आतंकी नर्सरियों को अचूक निशाने से जमींदोज किया जा चुका है, सौ से ज्यादा आतंकवादी मारे जा चुके हैं, सेना—आतंकी गठजोड़ की पोल खुल चुकी है। पाकिस्तान के तमाम ड्रोन हमलों की भारत ने हवा निकाल दी, पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को छलनी करके रख दिया। कुल मिलाकर जिन्ना का देश घुटनों पर आ गया और फौज में भगदड़ मच गई। ऐसे में अगर उनका जनरल बंकर में न दुबकता तो क्या करता!

भारतीय वायुसेना ने जिस नूर खान हवाईबेस को निशाना बनाया उसके रडार सिस्टम, विमान हैंगर और अन्य महत्वपूर्ण जगहें तबाह हो चुकी हैं। उस हवाईबेस पर आईएल-78 टैंकर विमान, सी-130 ट्रांसपोर्ट विमान जैसे अनेक महत्वपूर्ण सैन्य संसाधन मौजूद थे। भारत के हमले में एक सी-130बी/ई विमान को भारी नुकसान हुआ, जिससे पाकिस्तान की हवाई सप्लाई ठप पड़ जाएगी।

हालांकि पाकिस्तान में किसी नागरिक को कानोंकान यह खबर नहीं लगने दी कि उनका फौजी मुखिया चूहे की तरह बंकर में जा दुबका था। असीम मुनीर की वैसे भी सियासी और सैन्य अधिष्ठानों में कोई साख नहीं बची है। उसने सेना में जितना भ्रष्टाचार पनपाया है उसकी मिसाल नहीं है। उसी ने अल कायदा के करीबी रहे प्रतिबंधित ‘परमाणु विशेषज्ञ’ के बेटे अहमद को सैन्य प्रवक्ता बनाया है। बताते हैं कि बंकर से निकलने के बाद जनरल मुनीर ने सेना मुख्यालय में कदम रखना बेहतर न मानकर किसी सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने को कहा। सूत्रों के अनुसार, उन्हें एक सुरक्षित घर में स्थानांतरित किया गया।

सुनने में यह भी आया है कि भारत के निशाने पर आ चुके जिन्ना के देश के सेना मुख्यालय को कहीं और ले जाने का सोचा जा रहा है। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने खुद यह स्वीकार कर लिया है कि नूर खान एयरबेस पर भारत ने ताबड़तोड़ हमला बोला था। पाकिस्तानी सेना साफ तौर पर भारत के तीखे हमलों से भयभीत है। पाकिस्तान की सैन्य रणनीति और सुरक्षा व्यवस्था जर्जर और नाकारा साबित हो चुकी है।

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