नई दिल्ली । पहलगाम में हिंदू यात्रियों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ भारत द्वारा शुरू की गई निर्णायक सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बौखलाया आतंक परस्त पाकिस्तान नापाक हरकत करते हुए जम्मू-कश्मीर और भारत के सीमावर्ती राज्यों के रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है।
पाकिस्तान ने इन हमले में विदेशी अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। जिनमे अधिकतर तुर्की और चीन की कृपा से प्राप्त हथियार थे। हालांकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने तत्काल सतर्कता दिखाते हुए इन खतरनाक हमलों को विफल कर दिया।
पाकिस्तान द्वारा भारत के रिहायशी इलाकों में दागे गए अधिकांश ड्रोन तुर्की की ‘असीसगार्ड’ कंपनी द्वारा निर्मित ‘सोंगर’ ड्रोन थे। ये ड्रोन सटीक निगरानी और बमबारी करने में सक्षम हैं। इनका निशाना जम्मू-कश्मीर के नगरोटा, श्रीनगर और पंजाब, राजस्थान, गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों के नागरिक क्षेत्रों पर था।
लेकिन जैसे ही ये खतरनाक ड्रोन भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश किया. इनका सामना भारतीय वायु रक्षा प्रणाली से हुआ. भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन सभी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।
इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत पर हवाई हमलों में JF-17 लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल किया, जो चीन के सहयोग से विकसित किए हुए हैं और 2010 से पाकिस्तान वायुसेना में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने इन विमानों के साथ-साथ हवा से हवा में मार करने वाली चीन निर्मित PL-15 मिसाइलों का भी प्रयोग किया।
हाल ही में चीन द्वारा पाकिस्तान को भेजी गईं PL-15 मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार से 200 से 300 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने इन मिसाइलों का उपयोग पश्चिमी और भारतीय रक्षा प्रणाली के विरुद्ध किया है।
भारत ने पाकिस्तान की इस उकसावेपूर्ण कार्रवाई का जवाब अत्याधुनिक और सशक्त वायु रक्षा प्रणालियों से दिया। इनमें रूस निर्मित S-400 मिसाइल प्रणाली, स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली ‘आकाश’ मिसाइल, इजरायल के सहयोग से बनी बराक-8 मिसाइल और एंटी-एयरक्राफ्ट गन L-70 शामिल रहीं।
बता दें कि ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी है और 25-30 किलोमीटर की दूरी पर दुश्मन के विमानों और ड्रोन को तबाह करने में सक्षम है। वहीं, S-400 प्रणाली 400 किलोमीटर के भीतर उड़ते किसी भी लक्ष्य को सटीकता से मार गिरा सकती है। इसी सटीक और कुशल वायु सुरक्षा प्रणाली के चलते पाकिस्तान का यह हमला असफल रहा और कई बड़े नुकसान से बचाव हो गया।
Leave a Comment