रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर
पाकिस्तान लंबे समय से भारत के खिलाफ एक सुव्यवस्थित छद्म युद्ध लड़ रहा है। वह सीधे तौर पर भारत के खिलाफ युद्ध न करके आतंकवाद का सहारा लेकर बीते तीन दशकों से ज्यादा समय से कश्मीर में आतंकी हमले करता आ रहा है। साथ ही वह भारत के अन्य हिस्सों में भी हिंसा फैला रहा है। उदाहरण के तौर पर 2001 में संसद पर हुआ आतंकी हमला भी पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किया गया था। 2008 में 26/11 का मुंबई हमला कोई नहीं भूल सकता।
2016 में उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिक्रांत कश्मीर (पीओजेके) में लक्षित सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को जवाब दिया। हालांकि इसके बाद भी पाकिस्तान की हरकतें जारी रहीं। 2019 में पाकिस्तान ने पुलवामा में आतंकी हमला करवाया जिसमें 40 से अधिक जवान बलिदान हो गए। पूरे देश में आक्रोश फैल गया। सरकार ने पहली बार पाकिस्तान में अंदर जाकर आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक की और उनके आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान को ऐसी उम्मीद नहीं थी कि भारत इतनी तेजी से इतनी सख्त कार्रवाई करेगा। इस सर्जिकल स्ट्राइक के तहत भारत ने पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने को निशाना बनाया।
पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर कायराना हमला किया गया। उन्हें उनका धर्म पूछकर निर्ममता से मार दिया गया। इस घटना ने सबके दिलों को झकझोर दिया। पाकिस्तान द्वारा कराए गए इस आतंकी हमले के बाद देश के हर नागरिक में गुस्सा भर गया। सरकार पर जल्द से जल्द हमले का जवाब देने का दबाव था। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान की इस हरकत का जवाब देने की तैयारी शुरू की। सबसे पहले भारत ने 23 अप्रैल को राजनयिक कदम उठाते हुए ‘सिंधु जल संधि’ को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान की सभी उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। साथ ही 1972 में हुए शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया। गत 6-7 मई की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत योजनाबद्ध तरीके से पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया। भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में स्थित आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकी हमला क्यों करवाया? यह प्रश्न बड़ा महत्वपूर्ण है। दरअसल पाकिस्तान इन दिनों राजनीतिक अस्थिरता के दाैर से गुजर रहा है। पाकिस्तानी आवाम में उसकी सेना के प्रति रोष है। पाकिस्तानी सेना की प्रतिष्ठा लगातार गिर रही है क्योंकि वह बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान के खिलाफ हो रहे विद्रोह को दबाने में अभी तक नाकामयाब रही है। ऐसे में पाकिस्तान को इन तमाम मुद्दों से अपनी अवाम का ध्यान भटकाना था। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पहलगाम हमले से कुछ ही दिन पहले बेहद जहरीला भाषण दिया था। पाकिस्तानी अवाम और सेना में असंतोष बढ़ता देख मुनीर ने हमेशा की तरह कश्मीर राग अलापना शुरू कर दिया। नतीजतन इस हमले को अंजाम दिया गया।
इस माैके पर यह समझना बेहद जरूरी है कि वर्तमान में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की स्थिति क्या है। एक तरफ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, वहीं पाकिस्तान अपनी मौजूदा वित्तीय प्रतिबद्धताओं को भी पूरा नहीं कर पा रहा है। उसकी आर्थिक वृद्धि दर मात्र 0.4 प्रतिशत रह गई है। जाहिर है, ऐसे में पाकिस्तान भारत को चुनौती दे पाने की स्थिति में नहीं है। यदि सेना की बात करें तो भारत रक्षा खर्च में विश्व में पांचवें नंबर पर है। पाकिस्तान भारत से बहुत पीछे है। भारत का रक्षा बजट लगभग 80 अरब डॉलर है, जबकि पाकिस्तान का बजट लगभग 10 अरब डॉलर है यानी भारत से आठ गुना कम। भारतीय सशस्त्र बल संख्यात्मक और गुणात्मक, दोनों ही स्तर पर पाकिस्तान से बेहतर हैं। यदि पाकिस्तान से युद्ध होता है तो भारत लंबे समय तक लड़ाई लड़ने में सक्षम है। पाकिस्तान की ऐसी स्थिति नहीं है। पाकिस्तानी ‘डीप स्टेट’ की सोच बेहद कट्टरपंथी हैं। हम कितना भी प्रयास करें, वह भारत के प्रति अपना रवैया और सोच कभी नहीं बदल सकते।
भारत ने सैन्य कार्रवाई तो की है, लेकिन गैर सैन्य कार्रवाई के तहत भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की पूरी तरह तैयारी कर ली है। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अलावा पाकिस्तान से व्यापार बंद करना आदि इसी रणनीति के तहत की गई कार्रवाई है। सिंधु जल संधि के निलंबित हो जाने से पाकिस्तान के किसानों में भय व्याप्त हो गया है। सिंधु नदी कृषि और जल आपूर्ति की दृष्टि से पाकिस्तान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह नदी पाकिस्तान की 80 प्रतिशत खेती योग्य भूमि को पानी प्रदान करती है, जो देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी का भरण-पोषण करती है। ऐसे में इस संधि का निलंबित होना पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।
भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करके अपनी मंशा साफ जता दी है। यह पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी भी है कि वह जिन आतंकियों को अपने यहां पनाह देता है, वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। भारत की पहुंच पाकिस्तान के हर आतंकी ठिकाने तक है। भारत के हमले से बौखलाई पाकिस्तानी सेना सीमा पर लगातार गोलाबारी कर रही है। इसमें सीमा के पास के पुंछ जैसे इलाकों में रहने वाले कई निर्दोष भारतीयों की मौत हो चुकी है। भारतीय सेना पाकिस्तान को इसका कड़ा प्रत्युत्तर दे रही है। भारतीय यदि पाकिस्तान ने उकसाने वाली हरकतें बंद नहीं की तो यह उसके लिए ही घातक होगा। अब यह पाकिस्तान के ऊपर है कि वह भारत के सीमावर्ती इलाकों और भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करके युद्ध को आगे बढ़ाता है या अपना कदम पीछे खींच लेता है। यदि पाकिस्तान नहीं मानता तो यह तय है कि भारत की तरफ से उसे कठोर प्रतिक्रिया मिलेगी। भारत ने अपना इरादा पाकिस्तान को जता दिया है।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद यह बेहद जरूरी था कि आतंकवादियों को सजा दी जाए। जो आतंकवादियों का समर्थन करते हैं उनको भी दंड दिया जाए। ऐसा भारत ने किया भी
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