जब प्रश्न सिंदूर का हो, तब उत्तर वज्र होता है
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

जब प्रश्न सिंदूर का हो, तब उत्तर वज्र होता है

जब भारत की बेटियों के सुहाग से उनकी धार्मिक पहचान पूछी जाए, तब प्रश्न नहीं, उत्तर दिया जाता है। और उस उत्तर का नाम है ऑपरेशन सिंदूर।

by हितेश शंकर
May 10, 2025, 08:11 am IST
in विश्लेषण, सम्पादकीय, जम्‍मू एवं कश्‍मीर
भारतीय सेना के हमले में तबाह हुआ पाकिस्तानी आतंकी ठिकाना

भारतीय सेना के हमले में तबाह हुआ पाकिस्तानी आतंकी ठिकाना

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जब भारत की बेटियों के सुहाग से उनकी धार्मिक पहचान पूछी जाए, तब प्रश्न नहीं, उत्तर दिया जाता है। और उस उत्तर का नाम है ऑपरेशन सिंदूर।

हितेश शंकर

6-7 मई, 2025 की आधी रात भारत ने आतंकवाद के गढ़ पाकिस्तान में सटीक, संयमित और नैतिक प्रतिशोध का परिचय दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, यह भारत की चेतना, उसके राष्ट्रभाव और उसकी सभ्यता पर आघात का वैचारिक उत्तर था। पहलगाम में 22 अप्रैल को धर्म पूछ-पूछ कर मार दिए गए हिंदू यात्रियों की चिताओं से उठता धुंआ आकाश में मिलने से पहले जिहादी आतंकवाद को राख करने का संकल्प लिख रहा था।

जो लोग भारत को एक सांस्कृतिक राष्ट्र की बजाय राजनीतिक दलों के खांचे में बंटा देखने के आदी हैं, उनके लिए यह आंखें खोलने वाला क्षण है। भारत का यह राष्ट्रभाव केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं। यह मां की वंदना, स्त्रीत्व के गौरव और सभ्यता की अस्मिता की रक्षा का भाव है।

जब आतंकियों ने बहनों से धर्म पूछकर उनका सिंदूर मिटाया, तब यह केवल दुखद घटना भर नहीं थी, यह हमारी संस्कृति, हमारी सहिष्णुता और हमारी सामूहिक चेतना पर दुस्साहसी आघात था। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से इसी दुस्साहस को दहलाने वाला संदेश दिया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल भौगोलिक लक्ष्य नहीं था, केवल खाकी तक सिमटी सैन्य कार्रवाई नहीं थी। यह भारत के सम्मान को सर्वोपरि रखने वाली वैचारिक स्पष्टता थी।

विचार स्पष्ट थे और लक्ष्य निश्चित

पाकिस्तान अधिक्रांत पीओजेके में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शिविर, पाकिस्तानी पंजाब के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र, मस्जिदों और मदरसों की आड़ में चल रही जिहादी प्रयोगशालाएं-इन सभी को भारत ने चिह्नित कर, सटीकता से ध्वस्त किया। यह एक संदेश था कि भारत अब केवल ‘सहिष्णु पीड़ित’ नहीं, सजग उत्तरदाता है।

भारत ने विगत दशकों में संयम और संवाद की नीति अपनाई। किंतु 2016 में ‘उरी सर्जिकल स्ट्राइक’ और 2019 में बालाकोट ‘एयर स्ट्राइक’ के बाद यह स्पष्ट हो गया कि भारत ने संयम को कमजोरी मानने वाले को सुधारने का तरीका निकाल लिया है। 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ संयम से शक्ति का अगला सोपान है।

भारत ने पहली बार आतंक के अड्डों को इस स्तर पर निशाना बनाया। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे ‘मजहब पर हमला’ बताने की कोशिश की, किंतु मुद्दा लौटकर उन्हीं पर गिरा-‘यदि आतंक का कोई मजहब नहीं होता, तो फिर उनके ठिकानों की मजहबी पहचान क्यों?’
आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अपेक्षाएं जताते बयान हों या ‘जिनेवा कन्वेंशन’ के विभिन्न बिंदु, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सभी का अनुपालन किया।

क्षमता का कोई दुरुपयोग नहीं, सभी निशाने-पूर्व प्रमाणित आतंकी शिविरों पर। यह मानवाधिकारों का संतुलन रखते हुए आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ता से आगे बढ़ने की वह बात है, जो भारत का नैतिक आधिपत्य बनाए रखती है। भारत के हमलों की सटीकता के संदर्भ में पूर्व की विभिन्न मीडिया रिपोर्ट और रॉ की खुफिया सूचना ‘लक्ष्यों के आतंकी चरित्र’ की पुष्टि करती हैं। यह सिद्ध करता है कि भारत ने ‘न्यायोचित शक्ति’ का प्रयोग किया।

यह भी उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन के पश्चात् पाकिस्तान ने न केवल अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया, बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मोड़ दिया। आतंरिक स्तर पर सोशल मीडिया ब्लैकआउट जैसी घटनाओं और आतंकी ठिकानों की अज्ञात गंतव्य पर तैनाती से यह स्पष्ट होता है कि वह भीतर से घबराया हुआ है। यह संकेत है कि आतंक के सहारे टिका राष्ट्र अब अपने ही ‘नेटवर्क’ से डर रहा है।

आज भारत केवल क्षेत्रीय शक्ति नहीं, सभ्यता और मानवता का रक्षक दिख रहा है। वैश्विक विमर्श की दृष्टि से यह सभ्यता बनाम बर्बरता का संघर्ष है। एक ओर पाकिस्तान है-ओसामा बिन लादेन को पनाह देने वाला, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में वर्षों तक का दागी, हिंदू, सिख, ईसाई, शिया, अहमदी-सभी की आस्था और पहचान लील जाने वाला। एक ऐसा कबीलाई हुजूम जहां बाल-विवाह, भीड़ द्वारा हत्या और स्त्रियों के अधिकारों को रौंदना सामान्य ही नहीं, बल्कि सही समझा जाता है। दूसरी ओर भारत है-20 करोड़ मुसलमानों के साथ लोकतांत्रिक सह-अस्तित्व के पथ पर बढ़ता। मज़हब नहीं, आतंक की पहचान के आधार पर कार्रवाई करता। अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी जेनेवा कन्वेंशन और मानवाधिकारों को दृष्टिगत रखता। एक और कोविड जैसी वैश्विक आपदा के दौरान विश्व के सैकड़ों देशों के लिए वैक्सीन के रूप में जीवन की सौगात देता भारत है, दूसरी ओर पूरे विश्व में जिहादी उपद्रव के लिए आतंकियों को प्रशिक्षण के बाद निर्यात करने का कारखाना-पाकिस्तान।

विश्व अब तय कर सकता है-‘यह संघर्ष भारत बनाम पाकिस्तान नहीं, यह संघर्ष सभ्यता बनाम बर्बरता है।’
भारत ने दशकों तक तटस्थता और नैतिक अपीलों की राजनीति की। लेकिन अब स्पष्ट है कि बातचीत से नहीं, नीति और साहस से भारत के हित सर्वोपरि रखते हुए उत्तर दिया जाएगा। भारत केवल अपनी रक्षा नहीं कर रहा, वह वैश्विक सभ्यता की अग्रिम पंक्ति में खड़ा है।
यह केवल ऑपरेशन नहीं, वैचारिक नीति है। भारत को अब सभ्यतागत आक्रमण झेलते या इस खतरे की गंभीरता को समझने वाले संवेदनशील देशों को साथ लेते हुए “Anti-Terror Civilisational Coalition” की दिशा में बढ़ना चाहिए, यानी सभ्यताओं की रक्षा हेतु वैश्विक गठबंधन।

इस अभियान के पश्चात् भारत और विश्व के कई भागों में बसे प्रवासी भारतीयों तथा युवाओं द्वारा सोशल मीडिया, रैलियों और वक्तव्यों के माध्यम से जो एकजुट समर्थन दिखाया गया, वह यह सिद्ध करता है कि यह केवल राज्य की सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक जनचेतना थी-एक व्यापक वैश्विक भारतीय भाव।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब बदल चुका है। यह देश अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक अपने हर नागरिक की अस्मिता की रक्षा करेगा। यह अब केवल लड़ाई नहीं लड़ेगा, रणनीतिक विचार की संकीर्ण व्याख्याओं को भी पुन: परिभाषित करेगा। भारत सिर्फ़ भूगोल नहीं है, यह कोई राजनीतिक इकाई भर नहीं है, यह एक जाग्रत राष्ट्र है। जब प्रश्न सिंदूर का हो, तब उत्तर वज्र होता है!
… और भारत काजब प्रश्न सिंदूर का हो, तब उत्तर वज्र होता है

X@hiteshshankar

इन खबरों पर भी नजर डालें-

जब प्रश्न सिंदूर का हो, तब उत्तर वज्र होता है

#पाकिस्तान अकड़ मांगे इलाज

 सही समय पर सटीक प्रहार

Topics: जैश-ए-मोहम्मदपाञ्चजन्य विशेषएयर स्ट्राइकऑपरेशन सिंदूरपाकिस्तानी आतंकी ठिकानाउरी सर्जिकल स्ट्राइकलश्कर-ए-तैयबा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies