गत 5 मई को बहराइच में लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर त्रिशताब्दी समारोह समिति ने एक कार्यक्रम आयोजित किया। इसे संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री स्वांत रंजन ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर का योगदान सभी के लिए अनुकरणीय है।
उन्होंने मुगलों के आक्रमण के बाद भारत के सभी ज्योतिर्लिंगों का पुनर्निर्माण कराकर सनातन संस्कृति को अक्षुण्ण बनाया। लोकमाता के कार्यों से संपूर्ण भारत को जोड़ने का एकात्मता का भाव प्रदर्शित होता था। लोकमाता एक महान शासक के साथ-साथ समाज को साथ लेकर चलने वाली महिला थीं, उनके जीवन में सामाजिक समरसता स्पष्ट रूप से दिखती है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गंगा की निर्मलता व पवित्रता अविरल प्रवाह के कारण है, उसी प्रकार पुरानी पीढ़ी के ज्ञान एवं अनुभव का अविरल प्रवाह नई पीढ़ी को संस्कारित करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसी भावना के साथ राष्ट्र एवं समाज के कार्य को निरंतर कर रहा है।
सामाजिक समरसता गतिविधि के प्रांत प्रमुख राज किशोर ने पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर के व्यक्तित्व व कर्तृत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम अध्यक्ष बावन मंदिर अयोध्या के महंत एवं लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर त्रि-शताब्दी समारोह समिति, अवध प्रांत के अध्यक्ष महंत वैदेही वल्लभ शरण महाराज ने कहा कि लोकमाता अहिल्या देवी होल्कर राजरानी के साथ-साथ राज-योगिनी भी थीं।
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