जिस दिन पहलगाम में भारतीय नागरिकों को उनके धर्म पूछकर, सिर्फ हिंदू होने पर, निहत्था गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया, उस दिन केवल कुछ शरीर नहीं गिरे, भारत के भीतर करोड़ों आत्माएं लहूलुहान हो गईं। आतंकियों ने स्त्रियों से कहा— “तुम्हें इसलिए नहीं मार रहे हैं, ताकि तुम जाकर मोदी को, अपनी सरकार को बता सको कि हमने क्या किया है।”
उस हमले में 26 महिलाओं की मांग उजड़ गई। नवविवाहिताएं विधवा हो गईं। माता-पिता ने बेटे खो दिए। भाई चले गए, घर सूने हो गए। यह सिर्फ आतंक नहीं था- यह एक सुनियोजित हिंदू संहार था। गई। एक बार फिर पाकिस्तान ने हमें ललकारा— लेकिन इस बार, जवाब वैसा नहीं था जैसा कांग्रेस राज में होता था। इस बार सत्ता मौन नहीं रही। इस बार सत्ता ने करारा जवाब दिया। और उस जवाब का नाम था — ऑपरेशन सिंदूर।
यह वही भारत है जो कभी मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत के बाद भी चुप रहा था। जब पाकिस्तान के भेजे हुए आतंकियों ने रेलवे स्टेशन, अस्पताल और होटलों में आम नागरिकों का कत्लेआम किया था। भारत की बेटियों की मांग के सिंदूर तो तब भी उजड़े थे। तब यूपीए की सरकार ने सिर्फ बयान दिए, और जनता से “शांति बनाए रखने” की अपील की थी।
सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शर्मिंदगी उठाई, लेकिन पाकिस्तान को एक थप्पड़ तक नहीं मारा। बराक ओबामा तक ने अपनी किताब में लिखा है कि भारत की नेतृत्व क्षमता में वह तेज नहीं था जो होना चाहिए था।
क्यों? क्योंकि तब कांग्रेस सत्ता में थी — लेकिन भारत उनके एजेंडे में नहीं था। उनका ध्यान वोटबैंक पर था, अंतरराष्ट्रीय छवि पर था, लेकिन भारत की संप्रभुता और आम नागरिकों के जीवन पर नहीं। ना कांग्रेस अंदर देश के प्रति कोई जज़्बा था, और न ही देश के अंदर ताकत थी।
कांग्रेस की चुप्पी और निष्क्रियता ही पाकिस्तान की ताकत थी। लेकिन अब मोदी का भारत अलग है। पहले सर्जिकल स्ट्राइक, फिर एयर स्ट्राइक, और अब ऑपरेशन सिंदूर। भारत अब सिर्फ पीड़ित नहीं — प्रतिशोधी राष्ट्र है। आज हालात बदले हैं.. मोदी सरकार ने न केवल आतंक का जवाब दिया, बल्कि ऐसी भाषा में दिया जो पाकिस्तान और उसकी छाया सरकारों — ISI, आतंकी समूहों और उनके आकाओं को समझ आती है।
भारत ने पहले सर्जिकल स्ट्राइक की, फिर एयर स्ट्राइक की, और अब ऑपरेशन सिंदूर करके यह स्पष्ट कर दिया कि-
👉 अब भारत सिर्फ शोक मनाने वाला देश नहीं रहा।
👉 अब भारत बदला लेने वाला राष्ट्र बन गया है।
👉 अब भारत की आत्मा जाग चुकी है।
ऑपरेशन सिंदूर का नाम सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं है — यह एक श्रद्धांजलि है उन औरतों को जिनकी मांग का सिंदूर पाकिस्तान ने छीना था।
आज पाकिस्तान जान चुका है — एक चुटकी सिंदूर की कीमत क्या होती है। वह सिर्फ एक परंपरा नहीं, एक प्रतिज्ञा है। वह यह कहती है कि भारत अब अपने नागरिकों को यूं ही मरने नहीं देगा। जो हमारे घरों को उजाड़ेगा, वह अब अपने घर की राख गिनता फिरेगा।
भारत ने कैसे किया ये संभव?
प्रधानमंत्री मोदी के देश को मजबूत करने के संकल्प ने भारत को स्वदेशी रक्षा नीति से आत्मनिर्भरता तक पहुँचाया है। जिससे देश का सिर्फ हौसला ही नहीं, बाहुबल भी बढ़ा है। आज स्व-रक्षा के लिए भारत किसी पर निर्भर नहीं है। तेजस, पिनाका, अग्नि और आकाश जैसी मिसाइलें अब भारत में ही बनती हैं। भारत का रक्षा निर्यात 2023 में ₹16,000 करोड़ को पार कर गया। अपनी विदेश नीति को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर मोदी ने रक्षा समझौतों में वृद्धि की है — अमेरिका, फ्रांस, इज़रायल, रूस से रक्षा तकनीक और उपकरणों के लिए रणनीतिक साझेदारियों के ज़रिए आज भारत किसी भी दुस्साहस का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा — RAW, NTRO और अन्य एजेंसियों को इतना सुदृढ़ कर दिया गया है कि इनकी कार्यप्रणाली आज कई दिग्गज देशों को टक्कर देती है। पाकिस्तान के लिए इसे समझ पाना सरल नहीं है।
हर दीवाली देश के सैनिकों के साथ मनाने वाले प्रधानमंत्री ने फ्रंटलाइन तैयारी में बहुत बड़े स्तर पर निवेश किया है — सीमाओं पर आधुनिक बंकर, त्वरित प्रतिक्रिया दल (Quick Reaction Teams), बॉर्डर एरियाज का विकास, सीमाओं तक तुरंत पहुँचने के लिए ऑल-पर्पज़ रोड्स, और ऊँचे हिमालयी क्षेत्रों में ऑपरेशनल ड्रोन की तैनाती हमारे सैनिकों को सुरक्षित भी करती है, शक्तिशाली भी बनाती है और उनका संबल बढ़ाती है।
ऑपरेशन सिंदूर : सख्त जवाब और नारी शक्ति का सम्मान
इस अभियान में जिन आतंकी नेताओं को निशाना बनाया गया, वे वही चेहरे थे जो दशकों से पाकिस्तान की सरपरस्ती में भारत में आतंक फैलाते रहे। रऊफ असगर, जो मसूद अजहर का भाई था, और जैश-ए-मोहम्मद के अन्य कमांडरों को मार गिराया गया। यह वही लोग थे जो कंधार विमान अपहरण और पुलवामा जैसे काले अध्यायों के मुख्य मास्टरमाइंड थे।
अब कांग्रेस भी सरकार के साथ खड़ी है
यह बदलाव मोदी के नेतृत्व और उसकी स्पष्ट नीतियों का परिणाम है। आज वही कांग्रेस, जो आतंकवाद के खिलाफ कभी चुप रही थी, अब सरकार के साथ खड़ी है। यह वह समय था जब राहुल गांधी ने मसूद अजहर को “मसूद अजहर जी” और “जनाब” जैसे सम्मानजनक शब्दों से संबोधित किया था। अब वही कांग्रेस विपक्ष में बैठकर सरकार के फैसलों का समर्थन कर रही है।
आज देश जानता है कि जब बात राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता की हो, तो किसी पार्टी या नेता से ऊपर कुछ नहीं है। आज का भारत वह भारत है, जो अब पीछे नहीं हटेगा। जो राष्ट्र कभी अपनी धरती पर किसी के आतंक को सहता था, आज वही राष्ट्र आतंकियों को अपने घर में घुसकर ठिकाने लगाने की ताकत रखता है।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ जवाब नहीं — यह भारत का संकल्प है
ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी भी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। अब भारत न केवल जवाब देता है, बल्कि आतंकवाद के हर सिर को काटता है। यह भारत का बदला नहीं, यह भारत का बदलता हुआ चरित्र है — एक मजबूत, स्वाभिमानी राष्ट्र, जो अपने नागरिकों, अपनी संस्कृति और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
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