आतंकवाद के खिलाफ शुरू किया गया भारतीय अभियान ऑपरेशन सिंदूर जारी है। पूरी दुनिया में इस ऑपरेशन को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान, चीन और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ी बात कही। शशि थरूर ने शुक्रवार (9 मई) को अल अरबिया इंग्लिश चैनल को दिए इंटरव्यू में मोदी सरकार की तारीफ की और आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने कहा, “भारत ने आतंकियों से प्रतिशोध लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान ‘इनकार करने में माहिर है, जिसने भारत को घाव देने के लिए 30 वर्षों तक आतंकवादियों को अपने यहां पनाह दी।”
‘भारत ने सोच-समझकर यह कदम उठाया है’
क्या भारत और पाकिस्तान का तनाव पूर्ण युद्ध की कगार तक पहुंच गया है? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद ने कहा कि निश्चित रूप से भारत की इसमें कोई रुचि नहीं है। पाकिस्तान के लोग सीमा पार करके नहीं आ सकते? वे कश्मीर में छृट्टियां मनाने आए निर्दोष पर्यटकों को मार कर कैसे वापस लौट सकते हैं? भारत ने बहुत सोच-समझकर अपनी आत्मरक्षा में यह कदम उठाया है। भारत ने केवल पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों और उनके मुख्यालयों पर ही हमला किया है। दुख की बात यह है कि भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाई पाकिस्तानी सेना बीते दो दिनों से एलओसी पर भारी तोपों से गोलाबारी कर रही है, जिसमें 19 भारतीय नागरिक मारे गए और 59 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह बहुत स्पष्ट है कि भारत आगे नहीं बढ़ रहा है। वह केवल पाकिस्तान के हमलों पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है। यदि पाकिस्तान यह सब रोकने का फैसला करता है, तो भारत भी कार्रवाई नहीं करेगा।
‘भारत आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा’
हमने जो रिपोर्ट देखी हैं, उसके अनुसार पाकिस्तान में हुए हमलों में मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। एक मस्जिद को भी ध्वस्त किया गया है। इस पर सांसद ने कहा, “बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। ये आतंकी ठिकाने हैं न कि मासूम नागरिकों के रहना का स्थान। अगर वहां कोई नागरिक रह रहा था, तो वे आतंकवादियों के परिवार वाले या आतंकवादी बनने की ट्रेनिंग लेने वाले लोग थे। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है, क्योंकि हमें आतंकवादियों की तरह नागरिकों को मारने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं है। भारत एक भी इंसान की जान लेने के बजाय आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने में इच्छुक है। लेकिन सच्चाई यह है कि ये ऐसी जगहें हैं जो न केवल भारतीय अधिकारियों द्वारा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खुफिया समुदाय द्वारा भी जानी मानी और सूचीबद्ध हैं। वे किसी भी तरह से सार्वजनिक जगहें, स्कूल, मस्जिद या घर नहीं हैं। दुर्भाग्य से, ये वे स्थान हैं जहां आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जाता है, वित्तपोषित किया जाता है और भारत में निर्दोष नागरिकों को मारने के लिए भेजा जाता है। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत यह सब कर रहा है।”
‘पाकिस्तान इनकार करने में माहिर’
थरूर आगे कहते हैं कि यह मत भूलिए कि पाकिस्तान इनकार करने में माहिर है। उन्होंने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला कर 170 लोगों की जान लेने के बाद भी कहा कि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपा बैठा था, लेकिन वह इस बात से भी इनकार करते रहे कि वो उनकी सरजमीं पर है। भारत के पास ऐसा करने का कोई कारण नहीं है। वे कहते हैं, “हमारा देश अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, उच्च तकनीक में सुधार करने, युवाओं के लिए बेहतर भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है। वहीं, पाकिस्तान 30 वर्षों से आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। उनकी सरजमीं पर आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे भारतीयों का खून बहा सकें और कश्मीर पर कब्जा कर सकें। वे कश्मीर पर कब्जा करने में 30 वर्षों से विफल रहे हैं और अगले 30 वर्षों तक विफल ही रहेंगे।”
‘ऑपरेशन सिंदूर एक शानदार नाम’
आपने एक्स पर ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की है। आपने कहा है कि यह एक शानदार नाम है। हमें बताएं कि इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम क्यों दिया गया? इस पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर कहते हैं कि सिंदूर लाल रंग का होता है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए मांग में लगाती हैं।पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों को गोली मार दी गई। इसमें एक नवविवाहित जोड़ा भी था, जो हनीमून के लिए कश्मीर आया था। उनकी शादी को एक सप्ताह भी नहीं हुआ था आतंकियों ने धर्म पूछकर महिलाओं के माथे का सिंदूर मिटा दिया। महिला पति के शव के पास बैठकर रो रही थी, जो भावुक करने वाला दृश्य था। इसलिए इस अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम देने से सभी खुश हैं।
‘चीन भी चाहता है दोनों देशों में शांति हो’
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान युद्ध चाहता है, तो उसे मिल जाएगा। गेंद पूरी तरह से पाकिस्तान के पाले में है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और जनरल मुशर्रफ के बीच चार साल तक प्रसिद्ध बैक-चैनल वार्ता हुई। हालांकि, सच्चाई यह है कि हर बार बातचीत का यह सिलसिला पाकिस्तानी आतंकवादी हमले के कारण समाप्त हुआ। चीन पाकिस्तान का सच्चा हमदर्द है। दोनों देशों के रिश्ते काफी अच्छे हैं। लेकिन चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर एक बयान जारी कर कहा है कि दोनों ही उसके पड़ोसी हैं। वे अपने पड़ोसियों के बीच युद्ध नहीं देखना चाहते है। वह चाहते है कि दोनों देशों में शांति हो। अब, अगर चीन पाकिस्तान को यह संदेश देता है, तो उन्हें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके बावजूद वे अगर भारत पर जवाबी हमला जारी रखना चाहते हैं, तो भारत को उन्हें जवाब देना होगा। हमारा भी स्वाभिमान है।
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