S-400 Sudarshan Chakra: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। स्थिति उस समय विस्फोटक हो गई जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक घातक आतंकी हमला हुआ। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, जिससे पूरे देश में रोष फैल गया। जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की एक सीमित लेकिन सटीक सैन्य अभियान, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों के अड्डों को समाप्त करना था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित कई आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। वहीं पाकिस्तान ने इस हमले को एक सीधा उकसावा मानते हुए प्रतिक्रिया दी और भारतीय सीमा पर सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। पाकिस्तान की इस जवाबी कार्रवाई से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है।
7 से 8 मई की रात पाकिस्तान ने एक और बड़ा और आक्रामक कदम उठाया। भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के 15 बड़े शहरों को निशाना बनाते हुए एक संगठित मिसाइल और ड्रोन हमला करने की कोशिश की। हालांकि भारत के अपडेटेड एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 जिसे भारतीय सेना ने सुदर्शन चक्र का नाम दिया है, इसे पूरी तरह से विफल कर दिया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते हर मिसाइल और ड्रोन को ट्रैक किया, उनकी पहचान की और हवा में ही उन्हें नष्ट कर दिया। इस त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया ने देश को एक बड़े खतरे से बचा लिया। आइए आपको बताते हैं एस-400 सुदर्शन चक्र की खूबियां-
एस-400, जिसे भारतीय सेना ने ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया है, दुनिया का सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम है। यह भारत का नया सुरक्षा कवच बन चुका है। हाल ही में पाकिस्तान ने जब भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, तो सुदर्शन चक्र ने सभी हमलों को हवा में ही रोक दिया। रूस से मिले इस सिस्टम की डील भारत ने 2018 में की थी, जिसकी कीमत ₹35,000 करोड़ थी। यह 400 किमी दूर तक किसी भी खतरे को पहचान कर खत्म कर सकता है। अब यह सिस्टम भारत की सीमाओं पर तैनात है, खासकर पाकिस्तान और चीन के पास। सुदर्शन चक्र ने यह साबित कर दिया है कि भारत का आसमान अब पूरी तरह सुरक्षित है।
भारत की वायु सुरक्षा अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी है। रूस से मिला एस-400 मिसाइल सिस्टम आज दुश्मन के हर हवाई हमले का जवाब है। चाहे मिसाइल हो, ड्रोन या फाइटर जेट। एस-400 पलभर में सब कुछ नष्ट कर देता है। दुनिया में इसे सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों से मिलती चुनौतियों के बीच, भारत को ऐसी ही ताकत की जरूरत थी। अब भारत का आकाश पूरी तरह सुरक्षित है और दुश्मन के मन में डर गहराता जा रहा है। एस-400 ने यह दिखा दिया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि हर साजिश को पहले ही हवा में खत्म कर देगा।
एस-400 ‘सुदर्शन चक्र’ भारत की वायु सुरक्षा का सबसे ताकतवर हथियार है। यह सिर्फ एक मिसाइल सिस्टम नहीं, बल्कि ऐसा कवच है जिसे तोड़ना दुश्मन के लिए नामुमकिन है। नाटो इसे SA-21 Growler कहता है। यह सिस्टम एक साथ 72 मिसाइलें दाग सकता है और बहुत लंबी दूरी तक हमला रोक सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका मोबाइल होना। इसे 8×8 ट्रक पर कहीं भी ले जाया जा सकता है, जिससे दुश्मन को इसकी लोकेशन पता लगाना मुश्किल हो जाता है। सुदर्शन चक्र आज भारत के आसमान की सबसे मजबूत ढाल बन चुका है।
एस-400 में चार रेंज की मिसाइलें हैं 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर तक। यह 100 फीट से लेकर 40,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ते टारगेट को पहचान कर खत्म कर सकता है। इसका रडार सिस्टम 600 किमी दूर तक खतरे को भांप सकता है और दर्जनों टारगेट को एक साथ ट्रैक कर सकता है। यह सिस्टम -50°C से -70°C तक के मौसम में भी बिना रुके काम करता है। एस-400 ने भारत को सिर्फ एक सुरक्षा नहीं दी, बल्कि दुश्मन पर मनोवैज्ञानिक दबाव भी बनाया है। यह अब देश की सबसे भरोसेमंद ढाल बन चुका है।
एस-400 ‘सुदर्शन चक्र’ अब भारत की वायु सुरक्षा की रीढ़ बन चुका है। यह सिर्फ मिसाइल डिफेंस सिस्टम नहीं, बल्कि तकनीक और रणनीति का ज़बरदस्त मेल है। इसका रडार सिस्टम 600 किमी दूर तक खतरे को पकड़ सकता है और 300 टारगेट एक साथ ट्रैक कर सकता है। चाहे हमला ड्रोन से हो, मिसाइल से या फाइटर जेट से। एस-400 हर खतरे को हवा में ही खत्म कर सकता है। इस सिस्टम की शुरुआत शीत युद्ध के दौर से जुड़ी है, जब रूस ने अमेरिका की मिसाइल ताकत का जवाब एक ऐसे डिफेंस सिस्टम से दिया, जो दुश्मन की मिसाइल को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही गिरा दे। आज यही ताकत भारत की सबसे बड़ी ढाल बन चुकी है।
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