नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को एक निर्णायक संदेश देते हुए पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने BRO (सीमा सड़क संगठन) के प्रोजेक्ट उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीय सेनाओं ने बीती रात जो किया, वह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि इतिहास रचने जैसा साहसिक अभियान था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सेनाओं ने “सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता” के साथ वह कर दिखाया है, जो दुनिया में गूंज रहा है। उन्होंने कहा- “हमने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें एक-एक कर नष्ट किया — और वह भी इस तरह कि एक भी आम नागरिक प्रभावित न हो। यही भारत की सैन्य नैतिकता की पहचान है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा- जैसा कि आप सबको जानकारी है कि कल रात भारतीय सेनाओं ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। हमने जो लक्ष्य तय किये थे, उन्हें ठीक तय योजना के अनुसार सटीकता से ध्वस्त किया है। किसी भी नागरिक ठिकाने Civilian Population को जरा भी प्रभावित न होने की संवेदनशीलता दिखाई है। यानि एक तरीके की Precision, Precaution and Compassion सेना ने दिखाई है। जिसके लिए मैं हमारे सेना के जवानों और अधिकारियों को पूरे देश की ओर से साधुवाद देता हूं
आतंक पर करारा वार और हनुमान जी का उदाहरण
हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका के विध्वंस के रावण से हुए संवाद का उल्लेख करते हुए कहा- “सेना को संपूर्ण सम्बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को भी साधुवाद देता हूं। हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है, जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते समय किया था ‘‘जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे’’
अर्थात- केवल उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। हमने केवल उन्हें निशाना बनाया, जिन्होंने हमारे मासूमों की जान ली।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सेनाओं ने, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च करके, पहले की तरह ही, इस बार भी, आतंकियों को training देने वाले Camps को तबाह करके करारा जवाब दिया है।
भारत आतंक से नहीं डरता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रहार केवल आतंकी ठिकानों और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित रहा, ताकि यह संदेश जाए कि भारत आतंक से नहीं डरता, लेकिन निर्दोषों पर हाथ उठाना भी उसकी फितरत नहीं। उन्होंने कहा- “भारत ने अपनी सरजमीं पर हुए हमले का जवाब देने के लिए, अपने ‘Right to respond’ का इस्तेमाल किया हैI हमारी यह कार्रवाई, बेहद सोच-समझकर, सधे हुए तरीके से की गई हैI आतंकियों के हौंसले पस्त करने के उद्देश्य से, यह कार्रवाई, महज़ उनके camps और अन्य infrastructure तक ही सीमित रखी गई हैI मैं पुनः, हमारी armed forces के शौर्य को नमन करता हूँ”।
बरहाल रक्षा मंत्री अपने बयान से पाकिस्तान सहित दुनिया को यह सन्देश दिया कि भारत अब सिर्फ़ बयान नहीं देता— वह ठोस कार्रवाई भी करता है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य रणनीति, नियंत्रण और नैतिकता तीनों का अद्भुत संगम है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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