मध्य प्रदेश की राजधानी भाेपाल में हिंदू छात्राओं से रेप-ब्लैकमेलिंग गैंग के मुख्य सरगना फरहान खान और उसके दाे साथी नबील और अली को अशोका गार्डन पुलिस ने मंगलवार को रिमांड पूरी होने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया है। चाैथे आराेपी साहिल को जहांगीराबाद पुलिस ने आठ मई तक रिमांड पर ले लिया है। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम लगातार सभी पक्षों से संपर्क कर केस की जांच में जुटी है। आयोग की जांच में पुलिस जांच की खामियां उजागर हुई हैं।
राष्ट्रीय महिला आयाेग की जांच में सामने आया है कि आरोपी संगठित गिरोह के तौर पर काम कर रहे थे। इनका लाइफ स्टाइल हाई प्रोफाइल था और महंगी गाड़ियों, गैजेट्स का इस्तेमाल करते थे। इनको फंडिंग करने वालों का पता पुलिस अब तक नहीं लगा सकी है। गिरोह में कुल कितने सदस्य थे, इस बात का पता भी पुलिस नहीं लगा पाई है। आयाेग की जांच में आरोपियों द्वारा एक पीड़िता का अबॉर्शन कराए जाने की बात भी सामने आई है। गर्भपात करने वालों पर भी कार्रवाई तय नहीं की गई है। क्लब-90 रेस्टोरेंट में छात्राओं के साथ गलत काम हुआ। प्राइवेसी के नाम पर वहां रूम और केबिन बनाए गए थे। यह आरोपियों का परमानेंट ठिकाना था, इसका खुलासा होने के बाद भी पुलिस ने संचालक के खिलाफ कार्रवाई तय क्यों नहीं की? इस बात को लेकर आयोग ने पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि आयोग की आपत्ति के बाद सोमवार की शाम प्रशासन ने क्लब-90 रेस्टोरेंट के अवैध हिस्से को तोड़ दिया है।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मंगलवार काे बताया कि नगर निगम ने लीज निरस्त कर इसे अपने कब्जे में ले लिया है। आरोपी फरहान और उसके साथी कॉलेज छात्राओं को इसी रेस्टोरेंट में ले जाने के बाद उनके साथ गलत काम करते थे। दूसरी ओर, आरोपियों को फंडिंग करने वालों की जांच भी शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि भोपाल के रायसेन रोड स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मुस्लिम युवकों ने नाम बदलकर हिन्दू लड़कियों को टारगेट कर उनसे दोस्ती की और उनके साथ दुष्कर्म किया। इसके साथ ही उनके वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया। इस मामले में पुलिस अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में छह पीड़िताएं सामने आई हैं। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी जांच में जुटी है।
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