नई दिल्ली । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स-छूट (Tax-Exempt) दर्जा समाप्त करने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 मई को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर घोषणा करते हुए लिखा- “हम हार्वर्ड का टैक्स-छूट दर्जा समाप्त करने जा रहे हैं। वो इसी लायक हैं।”
बता दें कि ट्रंप प्रशासन पहले से ही हार्वर्ड पर विविधता, समानता और समावेशन (DEI) नीतियों को लेकर निशाना साधता रहा है। प्रशासन का आरोप है कि हार्वर्ड में विविधता और समावेशन (DEI) की आड़ में नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही हार्वर्ड की अंतरराष्ट्रीय छात्र नीति भी ट्रंप प्रशासन के निशाने पर रही है।
ट्रंप प्रशासन ने टैक्स-छूट के साथ ही हार्वर्ड को मिलने वाली 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक की संघीय फंडिंग को भी फ्रीज कर दिया है। यह पहली बार है जब किसी प्रमुख विश्वविद्यालय का टैक्स-छूट दर्जा समाप्त करने का फैसला लिया गया है।
माना जा रहा है कि यह कदम अन्य यूनिवर्सिटीज और गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए भी एक चेतावनी की तरह है। हालांकि हार्वर्ड प्रशासन ने अपने स्तर से इस पर विरोध दर्ज कराया है, लेकिन ट्रंप प्रशासन का हार्वर्ड को लेकर रुख स्पष्ट है।
हालांकि पहली बार है जब अमेरिका में किसी शीर्ष शिक्षण संस्थान का टैक्स छूट दर्जा खत्म किया जा रहा है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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