ओडिशा के जनजातीय बहुल जिलों में ईसाई मिशनरी व पादरियों द्वारा भाले भाले लोगों को भ्रमित करा कर कनवर्जन कराने के प्रयास के मामले लगातार बढ रहे हैं। ये ईसाई मिशनरी राज्य के कनवर्जन को लेकर बने कानून की धज्जिया उडाने का प्रयास कर रहे हैं। इन प्रयासों के साथ साथ समाज में इसके खिलाफ जागरण भी बढ रहा है और इस कारण तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे ही एक घटना हाल ही में सुंदरगढ जिले में देखने को मिला है जब ईसाई मिशनरी भोले भाले जनजातीय लोगों को कनवर्ट करने के लिए हा ले लु आ कार्य़क्रम आयोजित कर रहे थे। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं व स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के बाद वहां तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई और वे आगे से ऐसा काम नहीं करने के लिए लिखित में अंडरटेकिंग देकर वहां से भाग गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के लहुणीपड़ा ब्लॉक अंतर्गत फूलझर पंचायत के चाड़ासाही गांव में देखने को मिली । इस गांव के नंदी पात्र और गांगी पात्र के नेतृत्व में 11 परिवारों के धर्म परिवर्तन के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत, गांव के 11 परिवारों के सदस्यों को स्थानीय नाले में स्नान करवा कर नए वस्त्र पहनाए गए और फिर करीब 20 ईसाई प्रचारकों की उपस्थिति में उनका कनवर्जन किया जाना था। लेकिन यह खबर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं तक पहुँच गई। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता भरत महांत, सिपुन बारिक, सुशांत कुमार शतपथी, बबलू राजपूत और महेश्वर महाकुड़ जैसे सामाजिक कार्यकर्ता स्थानीय लोगों के साथ मौके पर पहुँचकर इस गैर कानूनी कनवर्जन के प्रयासों का विरोध विरोध किया।
इस घटना से गांव में कुछ समय के लिए तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई थी। विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना था कि ओडिशा फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट, 1967 लागू है । इस कानून के तहत प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी प्रकार का कनर्जन कराना एक दंडनीय अपराध है।
इस बारे में ईसाई प्रचारकों ने तो पहले कहा कि वे कोई गैर कानूनी कार्य नहीं कर रहे हैं। लेकिन जब उन्हें कानून का हवाला देकर घेरा गया तो उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया कि वे गैर कानूनी तरीके से कनवर्जन कराने का प्रयास कर रहे थे।
इसके बाद कनवर्जन कराने आये ईसाई मिशनरियों ने लिखित में एक अंडरटेकिंग प्रदान की । जिसमें उन्होंने लिखा कि वे गैर कानूनी तरीके कनवर्जन कराने के प्रयास कर रहे थे । उन्होंने प्रशासन से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली है । आने वाले दिनों में वे ऐसा कार्य नहीं करेगें । इसके बाद वे वहां से निकल गये
बताया जा रहा है कि वे राउरकेला, कुतरा, कंटामुंडा और डुमेरमुंडा जैसे इलाकों से तीन वाहनों में भरकर आए थे। योजना के तहत लगभग 20 परिवारों के सौ से अधिक लोगों को नए वस्त्र और भोजन देकर ईसाई धर्म में शामिल कराया जाना था।
विश्व हिन्दू परिषद ओडिशा (पश्चिम) प्रांत के सामाजिक समरसता प्रमुख शांतनु कुसुम ने पांचजन्य से बातचीत में कहा कि जनजातीय लोगों को बहला फूसला कर व बीमारी ठीक करने के नाम पर ईसाई मिशनरियां कनवर्जन कराने का प्रयास कर रहे हैं । प्रशासन को इसे रोकने के लिए कडाई से कदम उठाने चाहिए । विश्व हिन्दू परिषद प्रशासन से मांग करती है कि वे गैर कानूनी तरीके से कनवर्जन के प्रयास करने वालों को कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए ।
बजरंग दल के ओडिशा (पश्चिम) प्रांत के सयोंजक राम चंद्र नायक ने कहा कि सुंदरगढ व आस पास के जनजातीय जिलों में ईसाई मिशनरियां हालेलुया कार्यक्रम के नाम पर भोले भाले लोगों को भ्रमित कर रहे हैं । वे बीमारी को दूर करने का दावा करते हैं । ये लोग अंधविश्वास फैला रहे हैं । इसलिए इनके खिलाफ कडी कार्रवाई करने के साथ साथ हालेलुया कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति बिल्कुल न दिया जाए । साध गैर कानूनी तरीके से कनवर्जन कराने का प्रयास करनेवालों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए ।
टिप्पणियाँ