भारत एक बार फिर पाकिस्तान की खूनी साजिश का शिकार हुआ है और इस बार खुद पाकिस्तान के अंदर से ही इसकी पुष्टि हो हुई है। यह खुलासा किसी भारतीय एजेंसी ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार आदिल राजा ने किया है। उन्होंने बताया कि कैसे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार के पीछे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का हाथ है। जिसके पीछे की वजह अपनी कुर्सी (जनरल का पद) बचाना है।
आदिल राजा ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि मुनीर ने खुद इस हमले को अंजाम देने के आदेश दिए थे, ताकि अपने खिलाफ चल रही आलोचनाओं और जांचों से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने साफ कहा है कि ये हमला जानबूझकर, सुनियोजित और मजहबी कट्टरता से प्रेरित था।
आदिल के मुताबिक मुनीर ने पहले विदेशी पाकिस्तानियों को बुलाकर भड़काऊ बयान दिया और फिर इस तरह का हमला करवाया। आदिल के अनुसार मुनीर के इस गलती का खामियाजा पूरे पाकिस्तानी भुगतेंगे। उन्होंने कहा- शहबाज तुरंत मुनीर को हटाएं नहीं तो मामला और बिगड़ेगा।
आदिल राजा ने लिखा— “पाकिस्तानी खुफिया समुदाय के वरिष्ठ सूत्रों ने पुष्टि की है कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने आईएसआई को अधिकृत कश्मीर के पहलगाम में घटना को अंजाम देने का आदेश दिया था। मुझे पता है कि इस जानकारी को शेयर करने के लिए हम भारतीय एजेंट कहलाएंगे, लेकिन यह एक तथ्य है।
असीम मुनीर का हिसाब कौन देगा? विशेष रूप से एक ऐसी प्रणाली में जहां वह सुपर किंग है!
हमें अतीत की कहानियों की तरह असत्यापित कहानियों पर विश्वास करने के बारे में सावधान रहना चाहिए। असीम मुनीर को जरूरत पड़े तो नेतृत्व से हटा दो क्योंकि जिनकी मानसिक स्थिति संदिग्ध हो उन्हें जरूरत नहीं क्योंकि बड़े लश्कर में ऐसे लोग चाहिए। नेतृत्व नहीं करना चाहिए, अन्यथा महाविपत्ति होगी”।
आतंक का संरक्षक पाकिस्तान
बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF), जो पाकिस्तान में ही बनाया गया था, वह ISI से सीधे फंडिंग पाता है। यही नहीं, इस संगठन के सरगना को पाकिस्तान सरकार द्वारा सुरक्षा और शरण दोनों प्रदान की जाती है।
TRF और ISI जैसे संगठनों का लक्ष्य सिर्फ कश्मीर नहीं, पूरे भारत में खौफ और अस्थिरता फैलाना है। पहलगाम में हुए नरसंहार में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं था— यह भारत की आत्मा पर हमला था। और इसकी स्क्रिप्ट रची गई रावलपिंडी के बंद कमरों में।
वहीं अब भारत के एक्शन मोड़ में आने के बाद इस्लामी कट्टरता को पालने और भेजने वाला पाकिस्तान अपने ही लोगों के क्रोध का शिकार बन रहा है। पाकिस्तान के भीतर भी लोग मान रहे हैं कि मुनीर और उसकी खुफिया मशीनरी आतंकवाद की जननी है। क्योंकि जहां एक तरफ पहले से ही पाकिस्तान की आम जनता भूखी मर रही है, महंगाई की मार झेल रही है, वहीं ISI और पाक आर्मी आतंकियों को पालने पर अरबों खर्च कर रही है।
आने वाले समय में भारत द्वारा कई कड़े फैसले लेने के बाद पाकिस्तान की स्थिति और बिगड़ेगी। जिसके चलते पाकिस्तानी लोगों के अंदर सरकार और सेना के विरुद्ध असंतोष पनप रहा है। वहीं इमरान खान समर्थक भी पत्रकार आदिल राजा की पोस्ट को जमकर शेयर कर असीम मुनीर को हटाने की मांग कर रहे हैं।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
टिप्पणियाँ