उत्तराखंड

सेना की वर्दी बेची तो खैर नहीं..! : उत्तराखंड में पहलगाम हमले के बाद अलर्ट, देहरादून में पुलिस ने दी सख्त चेतावनी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देहरादून पुलिस ने सेना की वर्दी बेचने वाली दुकानों पर अभियान चलाया। बिना पहचान पत्र के वर्दी की बिक्री पर सख्त हिदायत दी गई। सेना की ड्रेस के दुरुपयोग को रोकने की सख्त पहल

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उत्तराखंड ब्यूरो

देहरादून । पहलगाम नरसंहार घटना के बाद सेना की वर्दी बेचने वाले व्यापारियों की दुकानों पर आज पुलिस के विशेष दस्ते ने पहुंच कर उन्हें सचेत किया। एसएसपी के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान के पीछे मकसद सेना की वर्दी के दुरुपयोग को रोकना है।

एसएसपी अजेय सिंह ने बताया कि देहरादून में बहुत से कारखाने और दुकानें ऐसी है जहां से देशभर में सेना की वर्दियों के साथ साथ अन्य सामग्री की सप्लाई होती है। पहलगाम की घटना के बाद से सभी कारोबारियों को पुलिस दल ने सख्त हिदायत दी है कि बिना फौजियों के पहचान पत्र के कोई वर्दी न बेची जाए। जो सप्लायर है उन्हें भी हिदायत दी गई है कि वर्दी मंगवाने वालों का पूरा डेटा रखा जाए।

उल्लेखनीय है कि आतंकवादी,दहशतगर्द या नक्सलवादी अकसर सेना की वर्दी का इस्तेमाल करते हुए वारदातों को अंजाम देते रहे है। पहलगाम में भी आतंकी फौज की ड्रेस में दिखाई दिए थे, जिसके बाद से पुलिस प्रशासन ने ये चौकसी बरती है।

पूर्व में भी आतंकवादी घटनाओं के बाद इस तरह के प्रतिबन्ध सेना की वर्दी की खुले बाजार में बिक्री को लेकर लगाए जाते रहे है।
आमतौर पर फॉरेस्ट गार्ड, पी आर डी,निजी सुरक्षा कर्मी भी सेना की वर्दी के रंगों के इस्तेमाल करते दिखाई दे जाते है।

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