पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र सरकार लगातार मीटिंग्स कर रही है। ये मीटिंग्स भी हाई लेवल की हो रही है। मीडिया में चर्चा है कि सरकार कुछ बड़ा करने के मूड में है। इसी क्रम में आज शाम को भारत सरकार ने आल पार्टी मीटिंग बुला ली है। आज शाम को संसद हाउस में ये बैठक होगी। इस बीच सोशल मीडिया के जरिए लोग अपनी बातें रख रहे हैं।
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इस बीच एक्स सरकार के नाम से चलने वाले हैंडल ने इस मीटिंग से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को बाहर रखने की अपील की है। यूजर का कहना है कि ममता बनर्जी भरोसे के लायक ही नहीं हैं।
वहीं व्यास लक्ष्मीनारायण नाम के यूजर ने अपनी बात रखते हुए कहा, “दफन कर दो कातिलों को।”
शिवम मिश्रा नाम के यूजर आल पार्टी मीटिंग बुलाए जाने पर कयास लगाते हुए पूछते हैं, “क्या लगता है…पाकिस्तान का नक्शा बदलेगा?”
इसी प्रकार से सूर्यावामसी नाम के यूजर ने कांग्रेस और राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आल पार्टी मीटिंग में राहुल गांधी के सामने सरकार को अपनी योजना को नहीं ओपन करना चाहिए, नहीं तो वो पाकिस्तान में अपने आकाओं को इसकी जानकारी दे देंगे।
श्री नाम के यूजर कहते हैं कि बलूचिस्तान के लोग आजादी और भारत के साथ शामिल होने के लिए लंबे वक्त से इंतजार कर रहे हैं।
पहलगाम में मारे गए हैं 27 लोग
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को छुट्टियां बिताने गई निर्दोष हिन्दुओं का धर्म पूछकर आतंकियों ने 27 हिन्दुओं की हत्या कर दी थी। इसमें आतंकियों की मदद दो स्थानीय कश्मीरी मुसलमानों ने की थी। लश्कर से जुड़े टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में पाकिस्तान संलिप्त है। अब भारत सरकार ने भारत में स्थित पाकिस्तान का उच्चायोग बंद कर दिया गया है। अटारी-बाघा बार्डर भी बंद कर दी गई। सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी गई है। यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाता है और आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से बंद नहीं करता है।
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