जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जिस तरह पाकिस्तान के द्वारा पाले गए शैतान आतंकियों ने 27 लोगों की बेरहमी से हत्या की, उससे समूचा देश शोकाकुल है। लोगों में बदले ही आग धधक रही है। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह पाकिस्तान को उसी की भाषा में जबाव दे, क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं। पहलगाम में जिस प्रकार से लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की गई है, उस पर शायर मनोज मुंतशिर शुक्ला ने एक वीडियो में जो बातें कही हैं, उसे हम सभी को सुनना चाहिए।
मनोज मुंतशिर कहते हैं, “मुसलमान हो, अच्छा कलमा पढ़कर सुनाओ, नहीं आता! हिन्दू हो!!” (बैकग्राउंड में गोलियां चलने की आवाज)। शायर ने हिन्दुओं को झकझोरते हुए कहा-बधाई हो ये गोलियां आपके किसी अपने को नहीं लगी। पहलगाम में आपका कोई बेटा या भाई नहीं मारा गया। लेकिन, बचोगे कितने दिन! कश्मीर नहीं जाओगे , मुर्शिदाबाद, कोलकाता, गोधरा, दिल्ली या फिर मुजफ्फरनगर में मारे जाओगे। अगर तुमने तय कर ही लिया है कि तुम शेर नहीं बकरे हो, तो कटने के लिए भी तैयार रहो। जल्द तुम्हारा भी नंबर आने वाला है।
कसा तंज
शायर मुंतशिर ने हिन्दुओं की सहनशीलता पर तंज कसा है कि इन सब के अलावा एक और आइडिया है मेरे पास कि अगर तुम हर हर महादेव बोल नहीं सकते हो तो अल्लाह हु अकबर बोलकर कलमा पढ़ना ही सीख लो कम से कम जान तो बची रहेगी। सर धड़ से अलग होने से बचा रहेगा। शायर कहते हैं कि आप सभी (हिन्दुओं) को मुझे कमेंट में गाली देने के लिए उंगुलियां मच रही होंगी। उंगलियों की ही तरह से अगर तुम्हारी भुजाएं मचलने लगती को पहलगाम में निर्दोष हिन्दुओं की इस प्रकार से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
ये वीडियो मैं कभी नहीं बनाना चाहता था!#PahalgamTerroristAttack #pahalgamattack pic.twitter.com/wtxsrvKFzk
— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) April 23, 2025
लेकिन, समस्या इस बात की है कि तुम अब भी इस बात को नहीं समझ पा रही हो। क्योंकि अगर मैं ये कहूंगा कि हिन्दू खतरे में है तो तुम कहोगे कि हिन्दू-मुसलमान कर रहा है। संघी-आरएसएस वाला है। मैं बंटोगे तो कटोगे कहूंगा तो बीजेपी का चमचा बोलोगे, मैं कहूंगा कि औरंगजेब का इस्लाम नहीं चलेगा, तो तुम कहोगे कि हम तो सेक्युलर हैं जब तक दरगाह पर चादर नहीं चढ़ाएंगे चैन नहीं आएंगा। गंगा-जमुनी तहजीब का जो कार्ड खेल रहे हो ना इसी कार्ड को पहलगाम में दिखा देते।
ये तो कहना मत कि आतंक का मजहब नहीं
इसके साथ ही मनोज मुंतशिर ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो ये कहते फिर रहे हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। ये बकवास तो करना ही मत जो इंस्टाग्राम पर चार लफंगों की रील देखकर तुम्हें ये लिबरल ज्ञान जगा है न ये दो कौड़ी का भी नहीं है। संतोष जगदाले का जिक्र करते हुए शायर ने कहा कि पहलगाम में उनका परिवार जान बचाकर टेंट में छुप गया था, जहां से उन्हें बाहर निकालकर आतंकियों ने उनसे कलमा पढ़ने को कहा, जब नहीं पढ़ पाए तो गोली मार दी। इसी तरह से कर्नाटक के मंजूनाथ को तड़पा-तड़पाकर मारा और कहा कि जाओ और मोदी को बता दो।
राष्ट्र के लिए पिता के समान हैं प्रधानमंत्री
मनोज मुंतशिर कहते हैं कि देश का प्रधानमंत्री राष्ट्र के पिता की तरह होता है और 100 करोड़ हिन्दुओं के पिता आप हैं मोदी जी। आपके बच्चों का खून बहा है, बेटियां विधवा हुई हैं। आपके दरवाजे पर मातम पसरा है, माओं ने अपनी गोद के फूल खोए हैं। आपको हमारा बदला लेना होगा। इस बार हमें पाकिस्तान सेना के सिर चाहिए। हमारी समस्या आतंकवाद नहीं पाकिस्तान की सेना है। लाइन ऑफ कंट्रोल को खोलिए और पाकिस्तान में घुसकर बता दीजिए कि बाप कौन है। जब चंद यहूदी ऐसा कर सकते हैं तो 15 लाख भारतीय सेना के जवान क्या इतना भी नहीं कर सकते हैं। हफ्ते में एक दिन भूखा सोने वाला भारत 1965 में लाहौर तक घुस गया था। आज तो हम दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर मिलिट्री हैं।
अगर आज हम चुप रह गए तो आने वाली पीढ़ियों को क्या मुंह दिखाएंगे कि हमारे पास अर्जुन जैसा पिता था, लेकिन अभिमन्यु की तरह मारे गए। मोदी जी इतिहास सड़ी-गली लाशें नहीं विजय के ध्वज गिनता है। जो लंका नहीं जला सके वो हनुमान नहीं और जो रावण को न मार सके वो हमारा राम नहीं हो सकता। हमारी एक बेटी से हत्यारों ने कहा था कि जाओ मोदी को बता दो, हमने आपको बता दिया है सर।
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