लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष मानसून से पूर्व शहरी जल निकासी की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत कर दी है। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय में एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों, नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को मानसून पूर्व तैयारियों के संबंध में संबोधित किया। प्रमुख सचिव ने स्पष्ट कहा कि इस मानसून में शहरी क्षेत्रों में जलभराव को शून्य स्तर पर लाने के लिए ठोस और सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने तीन-स्तरीय रणनीति की घोषणा की, जिसमें नालों की समग्र सफाई, पंपिंग स्टेशनों का नियमित रखरखाव और अत्याधुनिक ड्रोन सर्वे के माध्यम से संवेदनशील स्थलों की पहचान शामिल है।
ड्रोन तकनीक से शहरी जल निकासी नेटवर्क का व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा। इससे डिजिटल मैप तैयार होंगे, जिनकी मदद से संभावित अवरोधों को पहले ही पहचाना जा सकेगा और समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी। नगर निकायों द्वारा विशेष सफाई दलों का गठन किया जा रहा है जो नालों की गहराई से सफाई कर गाद व कचरे को हटाया जायेगा। सभी सफाई कर्मियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे और सुरक्षा मानकों का पूरा पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य के सभी पंपिंग स्टेशनों की मरम्मत और अनुरक्षण का कार्य समय पर पूरा किया जाएगा। साथ ही, उच्च क्षमता वाले मोबाइल पंपों से लैस आपातकालीन टीमें संवेदनशील स्थानों पर तैनात की जाएंगी।
इस अभियान में केवल सफाई ही नहीं, बल्कि जल निकासी नेटवर्क के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत और पुनर्निर्माण भी शामिल है। नगर विकास विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जून के अंत तक संभावित पहली वर्षा से पहले समस्त तैयारियाँ पूरी कर ली जाएं।
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