वक्फ संशोधन कानून को लेकर जहां कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग अज्ञानता के चलते विरोध जता रहे हैं, वहीं मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबका इस कानून का खुलकर समर्थन भी कर रहा है। इसकी वजह सिर्फ मजहबी या राजनीतिक नहीं, बल्कि ज़मीनी सच्चाई है — वक्फ बोर्ड की मनमानी और कथित दखलंदाजी ने न सिर्फ़ गैर-मुस्लिमों को परेशान किया है, बल्कि खुद मुसलमान भी इसकी कार्यप्रणाली से त्रस्त हैं।
ऐसा ही एक मामला हरियाणा के नूंह जिले से सामने आया है, जहां तावडू उपमंडल के गुरनावट गांव में वक्फ बोर्ड और ग्रामीणों के बीच 20 कनाल जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वक्फ बोर्ड इस जमीन को अपनी घोषित संपत्ति बताते हुए कब्जा हटाने की तैयारी कर रहा है, जबकि ग्रामीण “जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं” इसे पंचायती और अपनी मजहबी आस्था से जुड़ी जमीन बताकर इसका विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि ये मामला केवल जमीन मात्र का नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड के उस आतंक का है, जिसकी वजह से अब खुद मुस्लिम समाज के भीतर वक्फ बोर्ड की भूमिका को लेकर विश्वास और असंतोष जन्म लेने लगा है।
दरअसल वक्फ बोर्ड ने खसरा नंबर 10/22/2, 23/2, 15/1, 2/1, 10, और 16/5 की जमीन पर अवैध कब्जे और निर्माण का आरोप लगाते हुए 17 अप्रैल को पुलिस बल के साथ कब्जा हटाने की कार्रवाई की चेतावनी दी थी। लेकिन गुरुवार को पुलिस बल उपलब्ध ना होने के कारण यह कार्रवाई दो दिन के लिए टाल दी गई।
वहीं गांव में वक्फ बोर्ड का नोटिस मिलने के बाद से ही तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर वक्फ बोर्ड द्वारा कार्रवाई की बात की जा रही है, वह वर्षों से ईदगाह के रूप में प्रयोग की जाती रही है। गांव के सरपंच अरशद ने भी इसे पंचायती संपत्ति बताते हुए कहा कि अगर ईदगाह को तोड़ने की कोशिश की गई तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
वहीं, इस जमीन को लेकर वक्फ बोर्ड के संपदा अधिकारी का कहना है कि उक्त जमीन बोर्ड की गजट अधिसूचित संपत्ति है, इसीलिए इसे अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। बोर्ड ने इस काम के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त कर दिया है।
उधर, ग्रामीण भी अब इससे निपटने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट का रुख कर वक्फ बोर्ड के दावे को चुनौती देने का ऐलान किया है। जिसके चलते स्थिति अभी तनावपूर्ण बनी हुई है और आने वाले दिनों में वक्फ बोर्ड की किसी भी कार्रवाई के विरोध में आंदोलन की आशंका जताई जा रही है।
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