यूरोप अवैध अप्रवासियों का गढ़ बनता जा रहा है। इसमें जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे देशों के हालात तो और अधिक बुरे हैं। केवल ब्रिटेन की ही बात करें तो कीर स्टार्मर की लेबर सरकार के लचर रवैये और इस्लाम के प्रति उनकी उदारता ब्रिटेन को महंगी पड़ रही है। हालात ये हैं कि ईस्टर के दिन ही रिकॉर्ड संख्या में 250 से अधिक अवैध अप्रवासी नावों के जरिए इंग्लिश चैनल को पार कर ब्रिटेन में घुसे।
ब्रिटिश न्यूज चैनल जीबी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, गुड फ्राइडे के दिन ब्रिटेन की सीमा बल का जहाज 113 प्रवासियों के साथ डोवर पहुंचा। इससे पहले दिन में भी 138 लोग अवैध तरीके से ब्रिटेन में दाखिल हुए थे। इस तरह से एक ही दिन में कुल 251 अप्रवासी ब्रिटेन की सीमा में घुसने में सफल रहे।
एक सप्ताह में आए 2000 से भी अधिक अप्रवासी
रिपोर्ट की मानें तो पिछले एक सप्ताह के दौरान कुल मिलाकर 2122 अवैध अप्रवासी फ्रांस से होते हुए ब्रिटेन में दाखिल हुए। जबकि, इस साल अब तक 9350 लोग तो केवल फ्रांस के जरिए ही ब्रिटेन में दाखिल हुए हैं। अगर हम पिछले वर्ष की इसी अवधि से तुलना करें तो पता चलता है कि ब्रिटेन में आने वाले अवैध अप्रवासियों की संख्या में 43 प्रतिशत का उछाल देखा गया है।
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हालांकि, ईस्टर के दिन वापस लाए गए अवैध प्रवासियों में वे 211 लोग भी शामिल हैं, एक दिन पहले ही अवैध तरीके से सीमा को पार कर गए थे। इस सप्ताह मंगलवार के दिन 12 नावों के जरिए 705 प्रवासियों को डोवर लाए।
सरकार के दावे खोखले
कहा जा रहा है कि ब्रिटिश सरकार लोगों को बरगलाने के लिए अवैध अप्रवासियों की समस्या से निपटने की बातें करती है, लेकिन हकीकत इससे ठीक उलट है। हर दिन सैकड़ों की संख्या में अवैध तरीके से अप्रवासी लोग ब्रिटेन पहुंच रहे हैं। इससे देश में अपराध तेजी से बढ़ें है। हालांकि, जब भी आम ब्रिटिश ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत करता है तो सरकार इसे इस्लामोफोबिया कहकर उल्टा पीड़ित पर ही कार्रवाई करती है।
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