झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने एक साक्षात्कार में वक्फ से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा, “मुसलमानों के लिए शरिया कानून सर्वोपरि है। इसलिए, वे लोग पहले शरीयत को प्राथमिकता देते हैं और फिर संविधान को।” संभवतः ऐसी टिप्पणियों के कारण कुछ असामाजिक तत्वों को लगता है कि उन्हें प्रशासन या सरकार का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि वे बिना किसी भय के ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। जब एक संवैधानिक पद पर आसीन मंत्री इस तरह की भाषा का उपयोग करते हैं, तो उपद्रवियों का मनोबल बढ़ सकता है। इससे हिंदू त्योहारों या मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा जैसे आयोजनों के दौरान असामाजिक तत्वों का दुस्साहस और बढ़ जाता है।
झारखंड में इस दुस्साहस का प्रदर्शन खूब हो रहा है। शिवरात्रि, होली और रामनवमी कोई भी पर्व शांतिपूर्वक सम्पन्न नही हो पाया है। इसी कड़ी में दुस्साहस की एक और घटना जुड़ गई है। हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड स्थित झुरझुरी गाँव में श्री हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जानी थी। इसके लिए ग्रामीणों द्वारा यज्ञ का आयोजन किया गया था। यज्ञ समापन से एक दिन पहले ग्रामीणों द्वारा पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार 13 अप्रैल को नगर भ्रमण निकाला जा रहा था। इस दौरान हिंदुओं की शोभायात्रा जैसे ही झुरझुरी गांव की एक मस्जिद के पास से गुजरी, वैसे ही वहाँ के मुसलमानों द्वारा पत्थरबाजी शुरू कर दी गई। इस दौरान इन्हीं उपद्रवियों द्वारा आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया गया। इसे देखकर आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और अपनी आत्मरक्षा में हिंदुओं की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई। इस घटना में कई महिलाओं को भी गंभीर चोटें आई हैं।
हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि बरकट्ठा में यज्ञ हो रहा था, जिसके लिए यज्ञ जुलूस निकाला गया था। जुलूस जैसे ही मस्जिद के पास पहुँचा, दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, जिसमें जमकर पत्थरबाजी और आगजनी भी हुई। घटना के बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रण में किया। मामले में एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। बरही के उप-मंडल पुलिस अधिकारी अजीत कुमार बिमल ने बताया कि धार्मिक जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया।
इस घटना के बाद आक्रोशित हिंदुओं द्वारा सड़क जाम कर दी गई और प्रशासन से इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जाने लगी। लोगों के बढ़ते आक्रोश के बाद बरकट्ठा विधायक अमित यादव भी घटनास्थल पर पहुँचे और इस मामले की जानकारी लेकर उन्होंने भी प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही अमित यादव के समझाने पर सड़क जाम भी हटा लिया गया।
इस मामले पर हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिले में हिंदुओं की आस्था पर बार-बार हमला क्यों किया जा रहा है? झुरझुरी की घटना पर उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बार-बार हिंदुओं के त्योहारों और धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाया जा रहा है। न यज्ञ शांति से संपन्न हो पा रहे हैं, न ही त्योहार सुरक्षित हैं। हर बार वही साजिश, वही हमले, और दुर्भाग्यवश वही सरकार की चुप्पी भी देखने को मिल रही है। हजारीबाग जैसे शांतिप्रिय क्षेत्र को बार-बार अशांत करने का प्रयास किया जा रहा है। यह घटना एक गहरी और सुनियोजित साजिश की ओर संकेत कर रही है। उन्होंने हेमंत सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
आपको बता दें कि इससे पहले 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर धार्मिक झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर धार्मिक हिंसा हुई थी। उसके बाद हाल ही में 7 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा में दो समूहों के बीच झड़प और पत्थरबाजी होने के कारण हालात संवेदनशील हो गए थे।
अक्सर देखा गया है कि इस तरह की घटनाओं के बाद प्रशासनिक कार्रवाई भी सरकार की मंशा के अनुरूप ही की जाती है। लोगों का कहना है कि इस मामले में भी कुछ नहीं होने वाला है, क्योंकि कहीं भी पत्थरबाजी होती है तो पुलिस दोनों पक्षों पर कार्रवाई करके दोनों को शांत करने की कोशिश करती है और उपद्रवी आसानी से छूट जाते हैं।
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