प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री और वैश्विक नीति विशेषज्ञ ने भारत में तेजी से हो रहे विकास और अर्थव्यवस्था में आ रही मजबूती की प्रशंसा करने में कोई कोर—कसर नहीं रखी। जेफरी अमेरिका में बहुत सम्मानित नीति विशेषज्ञ हैं इसलिए किसी देश की आर्थिक स्थिति कैसी है, किस दिशा में जा रही है इस पर उनके विचार लोग बहुत ध्यान से सुनते हैं। जेफरी ने यह कहकर एक बार फिर से भारत की प्रशंसा की है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए। वह मानते हैं कि भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति, विशाल जनसंख्या, और सफल कूटनीति इसे अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक महत्वपूर्ण देश बनाती है। उनका यह भी
कहना है कि भारत को यूएनएससी में शामिल करना नई बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए आवश्यक है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वयं कह चुके हैं कि इस अंतरराष्ट्रीय मंच को बहुध्रुवीय व्यवस्था के अंतर्गत लाया जाना चाहिए। इसके लिए वैश्विक दक्षिण के देशों को इसमें सम्मिलित किए जाने पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
अमेरिकी नीति विशेषज्ञ जेफरी सैक्स भारत की आर्थिक प्रगति की पहले भी सराहना कर चुके हैं। वे इसके भविष्य में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना भी जता चुके हैं। उन्होंने भारत की 6 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर, 17 खरब डॉलर की क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) के आधार पर अर्थव्यवस्था और इसके महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम को भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने वाले कारक बताया है।

उनका मानना है कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता देना न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने इसे वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए महत्वपूर्ण बताया। उनका मानना है कि भारत की सदस्यता से यूएनएससी की वैधता और प्रभावशीलता बढ़ेगी। जैफरी सैक्स ने कहा कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था एक संक्रमणकालीन चरण में है, जिसमें पुरानी पश्चिमी-प्रभुत्व वाली व्यवस्था समाप्त हो रही है और एक नई बहुध्रुवीय व्यवस्था उभर रही है। उन्होंने भारत को इस बदलाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला देश बताया।
यहां बता दें कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता के लिए कई देशों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे बड़े देश शामिल हैं। लेकिन भारत के साथ दुनिया के इस हिस्से को साझा करने वाले चीन ने संभवत: भारत की इस आकांक्षा के पूरा होने के रास्ते में रोड़ा अटकाया हुआ है। चीन खुद यूएनएससी का स्थायी सदस्य है, लेकिन भारत को इसमें सीट दिए जाने का विरोधी रहा है। चीन को इस बात से भी चिढ़ है कि जल्दी ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। फिलहाल भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

जेफरी सैक्स के इस विचार के अनेक समर्थक हैं कि भारत एक बढ़ती ताकत है और वैश्विक मंचों पर अपनी दमदार भूमिका के साथ प्रस्तुत रहता है। वे कहते हैं कि इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन तर्कों के आधार पर ही उन्होंने भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता देने की मांग की है। वे यह भी मानते हैं कि ऐसा होने पर भारत वैश्विक शांति और स्थिरता में और अधिक योगदान दे सकेगा। भारत की दृष्टि से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इससे उसे वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी।
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