वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर इनदिनों मुस्लिम समाज के कुछ लोग सड़कों पर हैं। बंगाल से डराने वाले समाचार आ रहे हैं। हिंदुओं पर जिस प्रकार से हमले हो रहे हैं, वह इन आंदोलनों के उद्देश्य का परिचय देने के लिए पर्याप्त हैं। परंतु बंगाल से इतर केरल में जिस तरह का आंदोलन हो रहा है, वह भी कम खतरनाक नहीं है।
केरल में करिपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं की तस्वीरें लहराईं। इस प्रदर्शन का आयोजन सालिडैरीटी यूथ मूवमेंट और स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाईजेशन ने किया था। दोनों ही संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हुए हैं।
प्रदर्शन बुधवार को किये गए थे। इन आयोजनों में मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता सैयद कुतुब, हमास के नेता याहया सिनवर, मुस्लिम ब्रदरहुड के संस्थापक शेख हसन अल-बन्ना और जेल में बंद उमर खालिद की तस्वीरें लहराई गईं। इनमें मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास के नेताओं की तस्वीरों को लेकर विरोध हो रहा है। मुस्लिम ब्रदर हुड एक ऐसा संगठन है, जिसे कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
इन तस्वीरों के सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी केरल में सत्ताधारी एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ को आड़े हाथों लिया। भारतीय जनता पार्टी ने यह आरोप लगाया है कि केरल सरकार के दोनों ही गठबंधन वोटबैंक के लिए कुछ नहीं बोल रहे हैं और तुष्टिकरण की नीतियों के कारण प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता के सुरेन्द्रन ने एक्स पर इन तस्वीरों को लेकर प्रश्न उठाए। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह केवल एक विरोध प्रदर्शन है या फिर हम केरल की भूमि पर जिहादी कट्टरपंथ देख रहे हैं? आखिर मुख्यमंत्री इस तरह की कट्टरपंथी गतिविधि क्यों होने दे रहे हैं?
What’s deeply alarming is that the protestors were seen displaying photos of Hamas terrorists and Sayyid Qutb, the ideological father of global jihad.
Is this just a protest, or are we witnessing the open glorification of jihadist extremism on Kerala’s soil?
Why is the… pic.twitter.com/BTv8CnRR49— K Surendran (@surendranbjp) April 10, 2025
इन तस्वीरों को लेकर भाजपा प्रवक्ता केवीएस हरिदास ने भी आरोप लगाया कि यह विरोध प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक विरोध नहीं था। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन जमात-ए-इस्लामी जैसे कुछ इस्लामिक संगठनों और पीएफआई के स्लीपर सेल ने किया था। मुद्दा यह है कि इस मार्च में भाग लेने वालों ने मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठनों की तस्वीरें ले रखी थीं।
हालांकि पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ और लगभग 3000 अज्ञात लोगों के खिलाफ गैर कानूनी रूप से इकट्ठे होने और ड्यूटी पर पुलिसकर्मियों के कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर मामला दर्ज किया। पुलिस का यह भी कहना है कि तस्वीरें प्रदर्शित करने के मामले को लेकर अभी तक कोई भी औपचारिक शिकायत किसी ने भी दर्ज नहीं कराई है।
परंतु केवल केरल में ऐसी तस्वीरें प्रदर्शित की गईं, बंगाल में भी प्रदर्शन के दौरान फिलिस्तीन के झंडे लहराए गए थे। यह प्रश्न उठना बहुत स्वाभाविक है कि आखिर इन विरोध प्रदर्शनों में फिलिस्तीन, मुस्लिम ब्रदर हुड और हमास का क्या काम है?
टिप्पणियाँ