नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रसिद्ध भारतीय कथक नृत्यांगना और कोरियोग्राफर कुमुदिनी लाखिया का शनिवार को गुजरात में उनके आवास पर निधन हो गया। वह 95 वर्ष की थीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुमुदिनी लाखिया के निधन पर दुख जताया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा , “प्रख्यात कथक नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित लाखिया ने कदम्ब नृत्य केंद्र के माध्यम से कई छात्रों को प्रशिक्षित और मार्गदर्शन किया। उन्होंने अभिनव समकालीन व्याख्याओं के माध्यम से कथक नृत्य की प्रस्तुति को बदल दिया। प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा संजोया जाएगा। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी गहरा दुख जताते हुए कहा, “एक उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली कुमुदिनी लाखिया जी के निधन से अत्यंत दुःख हुआ है। कथक और भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रति उनका जुनून पिछले कई वर्षों में उनके उल्लेखनीय कार्यों में परिलक्षित होता है। एक सच्ची अग्रणी के रूप में, उन्होंने नर्तकियों की कई पीढ़ियों को पोषित किया। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनके परिवार, छात्रों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।”
अहमदाबाद में कदंब नृत्य एवं संगीत विद्यालय की स्थापना की
कुमुदिनी लाखिया का जन्म 17 मई 1930 को अहमदाबाद में हुआ था। वह एक सफल भारतीय कथक गुरु और कोरियोग्राफर थीं। उन्होंने 1967 में अहमदाबाद में कदंब नृत्य एवं संगीत विद्यालय की स्थापना की, जो भारतीय नृत्य और संगीत को समर्पित एक संस्था है। उन्हें हाल ही में पद्म विभूषण से सम्मानित होने वाले लोगों की सूची में शामिल किया गया था। इससे पहले 2010 में उन्हें पद्म भूषण और 1987 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
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