बीसीए की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी पास्टर जश्न गिल ने बुधवार दोपहर को गुरदासपुर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। पास्टर के खिलाफ मामला दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने दो साल तक चुप्पी साधे रखी। अंत में उसे भगोड़ा करार दिया गया। मीडिया की ओर से मामला उठाने के बाद पास्टर की तलाश में दबिश के अलावा उसके भाई और बहन को उसे शरण देने के आरोप में नामजद कर गिरफ्तार किया गया। इसके चलते पास्टर पर लगातार दबाव बढ़ता गया और आखिरकार उसने बुधवार को गुरदासपुर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
आरोपी के भाई प्रेम मसीह, निवासी जम्मू, और बहन मार्थ, निवासी गांव मुंडी खरड़, मोहाली, को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। ज्ञात रहे कि पीड़ित परिवार का आरोप है कि पास्टर उनके घर आता-जाता था और वे भी चर्च जाते थे। इसी बीच पास्टर ने उनकी बेटी को बरगलाकर उससे शारीरिक संबंध स्थापित कर लिए। युवती जब गर्भवती हुई तो पास्टर ने उसका गर्भपात करवा दिया। गर्भपात सही न होने के कारण उनकी बेटी के पेट में इंफेक्शन हो गया और जब डॉक्टर से चेक करवाया तो उसने बताया कि आपकी बेटी का गर्भपात हुआ है। इंफेक्शन के कारण उनकी बेटी की मौत हो गई थी।
पुलिस ने दो साल पहले पास्टर पर मामला तो दर्ज किया परंतु उसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पाई। गत दिनों युवती के माता-पिता द्वारा मीडिया के समक्ष मामला उठाने के बाद पुलिस हरकत में आई, जिसके चलते पास्टर की बहन व भाई को पहले गिरफ्तार किया और आज पास्टर ने आत्मसमर्पण कर दिया।
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