पाकिस्तान के सिंध प्रांत से पलायन कर आए उत्पीड़ित हिंदुओं के समूह में शामिल एक महिला ने अटारी सीमा पर एक बच्ची को जन्म दिया। जत्थे और परिवार के लोगों ने भारत में पैदा होने के कारण उसका नाम भारती रखा दिया। बता दें कि पाकिस्तान में जुल्म और गरीबी से त्रस्त वहां के हिंदू लगातार पलायन करते जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत 149 सिंधी हिंदुओं का जत्था अटारी बॉर्डर पर आया था।
इसी बीच जत्थे में शामिल माया पत्नी खानू को इमिग्रेशन के दौरान पीड़ा हुई। स्थिति को गंभीरता से समझते मौजूद अधिकारियों ने उसे अटारी अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां उसने एक बेटी को जन्म दिया। खानू ने बताया कि उसके दो बेटे और 7 बेटियां हैं। पाकिस्तान में गरीबी के कारण गुजारा नहीं हो रहा है और ऊपर से आए दिन जुल्म सहना पड़ता है। इस कारण वह लोग अपना देश छोड़ यहां रहने के लिए आए हैं। इससे पहले भी कोरोना काल के दौरान सिंध के ही एक जत्थे की महिला ने वापसी के दौरान अटारी बार्डर पर बेटे को जन्म दिया था और उसका नाम बॉर्डर रखा था। ऐसे में अब 3 साल बाद इस बच्ची का जन्म हुआ है।
बच्ची के पिता खानू ने बताया कि उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी हुई है। वह भारती है और हमारे लिए यह नाम गौरवान्वित करने वाला है। खानू ने बेटी के जन्म पर अस्पताल में लोगों को मिठाई भी बांटी। इससे पहले कोरोना काल में सिंध के ही पाकिस्तान से भारत आई महिला निंबू बाई ने बेटे को जन्म दिया था।
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