डीसा, (हि.स.)। डीसा जीआईडीसी में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले की जांच 5 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा। घटना में प्रशासन की ओर से 17 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। सभी शवों को मध्यप्रदेश के अधिकारियों को सौंपा जाएगा। घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को पीएम राहत फंड से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की है। वहीं, फैक्ट्री मालिक के बेटे को इरडा से गिरफ्तार किया गया है।
डीसा के ढूंवा रोड स्थित जीआईडीसी के दीपक पटाखा फैक्ट्री और गोदाम में भीषण आग में 17 श्रमिकों की मौत की पुष्टि की गई है। बनासकांठा के एसपी अक्षयराज मकवाणा ने कहा कि घटना में अभी तक 17 लोगों के शव मिले हैं। घटना में 6 लोगों को बचा लिया गया है। उन्होंने बताया कि आईजी ने पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एसआईटी बनाई है, जो मामले की जांच करेगी। इनकी मदद के लिए एलसीबी और एसओजी के पीआई और पीएसआई को जोड़ा गया है। अभी पुलिस की 5 टीम सभी आरोपियों को पकड़ने की कार्रवाई में कर रही है। घटना को लेकर आईपीसी 304 के तहत दीपक, उसके पिता, भाई और परिवार के सदस्यों, मैनेजर आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मृतकों में 10 लोग मध्यप्रदेश के देवास, बाकी के लोग हरदा जिले के हैं। तीन लोग गुजरात के हैं।
एसआईटी में शामिल पुलिसकर्मी के नाम : जांच अधिकारी सी एल सोलंकी (पुलिस उपाधीक्षक, डीसा), वी जी प्रजापति पीआई, (डीसा रुरल पुलिस स्टेशन), ए जी रबारी (पीआई, एसओजी बनासकांठा), एस बी राजगोर (पीएसआई, एलसीबी बनासकांठा), एन वी रहेवर (पीएसआई, पेरोल स्क्वॉड बनासकांठा)
मृतकों के नाम : राकेश नायक (हंडिया), सुरेश नायक (हंडिया), विजय नायक (23, हंडिया), विष्णु नायक (हंडिया), धनराज नायक (हंडिया), दलीबेन नायक, किरणबेन नायक, लखन नायक (सिद्धलपुर), लखन की माता और गंगाराम की पत्नी, लखन की बड़ी बहन (13), लखन का भाई, मेहुल लुहार, गुड्डी नायक
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