आजकल देश के कई हिस्सों में पत्थरबाजी की खबरें सुनने में आती हैं। ये पत्थरबाजी कौन करते हैं, कब करते हैं, उन्हें आप उन्हें पहचान सकते हैं। शायद इन सब को देखते हुए वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर झारखंड के रामगढ़ जिले के एक पुलिस अधिकारी सुजीत सिंह ने शहर में घूम-घूम कर माइक से कहा कि जिन-जिन घरों में ज्वलनशील पदार्थ या फिर पत्थर रखे हुए हैं, उन्हें हटा दें नहीं तो प्रशासन अगर जांच करेगा और ऐसी कोई चीज पाई जाएगी तो उन पर कार्रवाई होगी।
यह बात उस पुलिस पदाधिकारी ने झारखंड में कई जगहों पर हुई पत्थरबाजी की घटना और विधि व्यवस्था को देखते हुए कही थी। इसके साथ ही जिस वक्त वे यह बात माइक से कह रहे थे, उस वक्त रामगढ़ थाना के कई पदाधिकारी एवं हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग वहां मौजूद थे। सबने उस वक्त उनका समर्थन भी किया था। समाज के एक बहुत बड़े वर्ग का मानना है कि पुलिस अधिकारी सुजीत सिंह का पत्थरबाजी को लेकर यह कहना बहुत हद तक ठीक था। उस पुलिस अधिकारी ने जो किया वह बहुत अच्छा किया और समाज में शांति का संदेश भी गया।
इसके बावजूद रामगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया। जबकि ठीक इसी तरह से हजारीबाग के क्षेत्रों में भी एनाउंसमेंट करवाया गया है और यह बात खुद वहां की उपायुक्त नैंसी सहाय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है। अब शोध का विषय ये है कि सिर्फ एक पुलिसकर्मी को अचानक लाईन हाजिर क्यों किया गया और किसके कहने पर हुआ। पुलिस अधिकारी को मिले इस दंड के बाद एक बहुत बड़े वर्ग ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। लोग सुजीत सिंह के समर्थन में सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं।
इस मामले को लेकर के हिंदू संगठन अब आंदोलित हैं। श्री श्री रामनवमी महासमिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र साव (भोपाली) ने कहा कि इस मामले को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल रामगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार से मिलने के लिए जाएगा और इस मामले को गंभीरता से उठाएगा। उन्होंने कहा कि यह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है कि पुलिस पदाधिकारी को भी उनका काम करने से रोका जा रहा है। प्रशासन का काम है कि विधि व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन बात जब मजहब से जुड़ी होती है तो पुलिस और प्रशासन की भाषा और गतिविधि बदल जाती है।
विश्व हिंदू परिषद रामगढ़ के जिला मंत्री छोटू वर्मा ने कहा कि एक तरफ ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी अच्छे काम के लिए पुलिस को दंडित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सुजीत सिंह के माइक से घोषणा करने से पहले रामगढ़ थाने में शांति समिति की बैठक हुई। उस बैठक में भी हिंदू समाज ने घरों के ऊपर पत्थर होने की बात पर चिंता व्यक्त की थी। उस वक्त सभी पुलिस पदाधिकारी और दूसरे समुदाय के बैठे हुए लोगों ने भी हां में हां मिलाई थी। इसी को लेकर रामगढ़ पुलिस के पदाधिकारी सभी गली मोहल्ले में जाकर लोगों को सचेत कर रहे थे। उन्हें जिस बात के लिए शाबाशी मिलनी चाहिए थी उस बात के लिए उन्हें दंडित कर दिया गया। झारखंड पुलिस के इस रवैये से हिंदू समाज आक्रोशित है। इस तरह की गतिविधि से उपद्रवियों का मनोबल और भी अधिक बढ़ेगा।
पुलिसकर्मी सुजीत सिंह को लाइन हाजिर करने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस पर संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि एएसआई ने किसी विशेष जाति या मजहब पर निशाना नहीं साधा था, इसके बावजूद पुलिसकर्मी को दंडित किया गया। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी तो समाज में अमन चैन और सौहार्द बनाए रखना मुश्किल होगा।
जानकारी मिली है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से की गई अपील के कारण रामगढ़ थाने में तैनात एएसआई सुजीत कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
अपील को सुनने के बाद कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि एसआई ने किसी विशेष जाति या धर्म को निशाना बनाकर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
यह… pic.twitter.com/dH9ilG1xMs
— Babulal Marandi (@yourBabulal) March 31, 2025
हिंदू संगठन के कार्यकर्ता और रामनवमी समिति के पूर्व अध्यक्ष दीपक मिश्रा ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस पदाधिकारी सुजीत सिंह का वापसी नहीं हुई तो हिन्दू समाज द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि यह सभी को पता है कि किसी भी हिंदू त्योहार पर पत्थरबाजी कौन करता है, इसके बावजूद प्रशासन अगर मौन रहेगा तो आम जनता का क्या होगा ? उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हजारीबाग में मंगला जुलूस के दौरान मुसलमानों द्वारा पत्थरबाजी की गई थी। इसी को देखते हुए पुलिस अधिकारी लोगों को सचेत कर रहे थे, लेकिन राज्य की सरकार तुष्टिकरण में लिप्त है इसीलिए सरकारी मशीनरी को भी तुष्टीकरण के लिए ही तैयार किया जा रहा है। सुजीत सिंह ने बिल्कुल सही किया और झारखंड का हर हिंदू सुजीत सिंह के साथ है।
आपको बता दें कि झारखंड के हजारीबाग में 25 मार्च को रामनवमी के मौके पर निकाले जाने वाले मंगला जुलूस को लेकर भारी हंगामा हो गया। मंगला जुलूस हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारीबाग के अलग-अलग मुख्य चौराहों से होकर गुजर रहा था। इसी बीच जब जुलूस हजारीबाग के जामा मस्जिद चौक के पास पहुंचा तो जुलूस पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया। इसमें कई लोग घायल हो गए। इस उपद्रव को काबू करने में पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस मामले को हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने लोकसभा में भी उठाया था। उन्होंने इस बात की चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि झारखंड में हर हिन्दू त्योहार को जानबूझ कर अशान्त करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने केंद्र से मांग भी की थी कि झारखंड में त्यौहार के दौरान केंद्रीय बल को उतारा जाए क्योंकि यहां की पुलिस निष्पक्ष होकर काम नहीं कर पाती है।
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