यूरोप में शरणार्थी संकट पर एजेला मर्केल के खिलाफ लोगों का आक्रोश
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

यूरोप में मुस्लिम शरणार्थियों के कारण जनसंख्या असंतुलन बढ़ा, लोग बोले-एंजेला मर्केल ने यूरोप को बर्बाद किया

सोशल मीडिया पर एंजेला मर्केल के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। मर्केल ने ही यूरोप में शरणार्थियों को शरण देने की शुरुआत की थी।

by Kuldeep Singh
Apr 1, 2025, 06:51 am IST
in विश्व, विश्लेषण
Angela Markel

एजेंला मर्केल

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

यूरोप में मुस्लिम शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे यूरोप में जनसंख्या असंतुलन बढ़ता जा रहा है। इसका असर यूरोप की शांति पर भी पड़ा है। वहां अपराध बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से लोग जर्मनी की पूर्व चांसलर एजेंला मर्केल की तस्वीर को वायरल कर रहे हैं। उन पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने ने ही यूरोप को बर्बाद किया है।

She destroyed Europe. pic.twitter.com/dDKNHYxXDZ

— RadioGenoa (@RadioGenoa) March 31, 2025

रेडियो जेनोआ द्वारा शेयर किए गए पोस्ट में ये आरोप लगाए गए हैं। इसी क्रम में एम क्रेनशॉ नाम के यूजर ने एजेंला मर्केल की तुलना जानवर से की। यूजर ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, “उन्होंने जानबूझकर यूरोप और पश्चिम को धोखा दिया! उसे पश्चिमी समाज के खिलाफ उसके अपराधों के लिए न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए! यह जानवर उन्हीं लोगों द्वारा भुगतान किए गए पूर्णकालिक सुरक्षा साथ विचरण करती है, जिन्हें उसने राक्षसों को बेच दिया था! उसे जवाबदेह ठहराओ!”

वहीं रैगनार लोथब्रोक नाम के यूजर ने तो बकायदा प्वाइंट्स गिनाए कि किस प्रकार से एंजेला मर्केल द्वारा कथित उदारता के चक्कर में न केवल जर्मनी, बल्कि पूरे यूरोप को प्रभावित किया। यूजर ने कुछ प्वाइंट्स भी गिनाए। जिसमें उसने दावा किया कि मर्केल ने दस लाख से ज़्यादा शरणार्थियों, ख़ास तौर पर सीरिया से आए शरणार्थियों के लिए जर्मनी की सीमाएँ खोलने का फ़ैसला किया। यह फ़ैसला विवादास्पद था। कुछ लोगों ने इसे मानवीय कार्य के तौर पर देखा, लेकिन दूसरों का मानना ​​है कि इसने दूर-दराज़ और अप्रवास विरोधी दलों के उदय को बढ़ावा देकर यूरोप को राजनीतिक रूप से अस्थिर कर दिया। उनके ही कार्यकाल में जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को आगे बढ़ाया, जिससे रूस पर यूरोप की ऊर्जा निर्भरता बढ़ गई। 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, रूस के मुक़ाबले यूरोप की रणनीतिक स्वायत्तता को कमज़ोर करने के लिए इस नीति की कड़ी आलोचना की गई। कुछ आलोचकों का तर्क है कि उनके “प्रतीक्षा करें और देखें” दृष्टिकोण के कारण यूरोपीय संघ के प्रमुख सुधारों (जैसे कि राजकोषीय संघ, साझा रक्षा और डिजिटल एकीकरण) में देरी हुई।

एजेंला मर्केल को लेकर वॉल्टन नाम के यूजर ने खुलासा किया कि ये सब ठीक है, लेकिन हर कोई जानता है कि दीवार गिरने से पहले वह एक पूर्वी जर्मन कम्युनिस्ट थी, फिर भी उसे संयुक्त जर्मनी पर शासन करने के लिए चुना गया। उसे क्यों नहीं हटाया गया?

कैसे बदल रही डेमोग्राफी

जर्मनी में मुस्लिमों की आबादी बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। इसके लिए अगर किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए तो पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल को। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पूरी तरह से वो ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि जर्मनी में मुस्लिम समुदाय की नींव 1960 के दशक में तुर्की से आए श्रमिकों ने रखी थी। लेकिन, 2015 के शरणार्थी संकट ने इसे तेज कर दिया। जर्मन सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2009 तक जर्मनी में मुस्लिम आबादी लगभग 30 लाख थी, जो कुल जनसंख्या का 4% थी।

2015 के बाद यह संख्या बढ़कर 50 लाख से अधिक हो गई, जो अब कुल आबादी का लगभग 6-7% है। इसमें से अधिकांश शरणार्थी सीरिया (7 लाख से अधिक), अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों से आए हैं। यह बदलाव खासकर शहरी क्षेत्रों जैसे बर्लिन, हैम्बर्ग, कोलोन और म्यूनिख में स्पष्ट दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, बर्लिन के कुछ स्कूलों में मुस्लिम छात्रों की संख्या 80% से अधिक हो गई है। यह जनसांख्यिकीय बदलाव जर्मन समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक संरचना को प्रभावित कर रहा

बीबीसी के अनुसार 2021 और 2023 के बीच 143,000 सीरियाई लोगों को जर्मन नागरिकता प्राप्त हुई है, जो किसी भी और अन्य देश की तुलना में बहुत अधिक है, मगर अभी भी 7 लाख से अधिक सीरियाई नागरिक शरणार्थी हैं।

Topics: Muslim refugeesएंजेला मर्केलजनसंख्या असंतुलनpopulation imbalanceeuropeयूरोपअपराध वृद्धिcrime riseAngela Merkelमुस्लिम शरणार्थी
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Islam muslim immigrants

मुस्लिम अप्रवासियों पर बहस: क्यों चुन रहे हैं ईसाई देश?

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

Europe की धरती से विदेश मंत्री Jaishankar ने भरी हुंकार-‘Pakistan जान ले, फिर हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे’

कभी शरणार्थियों से परेशान रहा, कभी चलती थी गोलियां और अब मिट चुके ऐसे ‘इलाके’! डेनमार्क ने आखिर कैसे किया यह सब ?

Britain Illegal migrants

ब्रिटेन अवैध अप्रवासी संकट: ईस्टर के दिन ही रिकॉर्ड देश में घुसे 251 प्रवासी

Ramnagar Demography change

कॉर्बेट सिटी रामनगर में गहराया जनसंख्या असंतुलन, पुछड़ी बस्ती नाम रख दिया रहमतनगर, शुरू हुई SIT जांच

Uttarakhand Encroachment demography

उत्तराखंड में अतिक्रमणकारियों के कारण बढ़ा जनसंख्या असंतुलन: सीएम धामी का सख्त रुख

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies