यूरोप में मुस्लिम शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे यूरोप में जनसंख्या असंतुलन बढ़ता जा रहा है। इसका असर यूरोप की शांति पर भी पड़ा है। वहां अपराध बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से लोग जर्मनी की पूर्व चांसलर एजेंला मर्केल की तस्वीर को वायरल कर रहे हैं। उन पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने ने ही यूरोप को बर्बाद किया है।
She destroyed Europe. pic.twitter.com/dDKNHYxXDZ
— RadioGenoa (@RadioGenoa) March 31, 2025
रेडियो जेनोआ द्वारा शेयर किए गए पोस्ट में ये आरोप लगाए गए हैं। इसी क्रम में एम क्रेनशॉ नाम के यूजर ने एजेंला मर्केल की तुलना जानवर से की। यूजर ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, “उन्होंने जानबूझकर यूरोप और पश्चिम को धोखा दिया! उसे पश्चिमी समाज के खिलाफ उसके अपराधों के लिए न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए! यह जानवर उन्हीं लोगों द्वारा भुगतान किए गए पूर्णकालिक सुरक्षा साथ विचरण करती है, जिन्हें उसने राक्षसों को बेच दिया था! उसे जवाबदेह ठहराओ!”
वहीं रैगनार लोथब्रोक नाम के यूजर ने तो बकायदा प्वाइंट्स गिनाए कि किस प्रकार से एंजेला मर्केल द्वारा कथित उदारता के चक्कर में न केवल जर्मनी, बल्कि पूरे यूरोप को प्रभावित किया। यूजर ने कुछ प्वाइंट्स भी गिनाए। जिसमें उसने दावा किया कि मर्केल ने दस लाख से ज़्यादा शरणार्थियों, ख़ास तौर पर सीरिया से आए शरणार्थियों के लिए जर्मनी की सीमाएँ खोलने का फ़ैसला किया। यह फ़ैसला विवादास्पद था। कुछ लोगों ने इसे मानवीय कार्य के तौर पर देखा, लेकिन दूसरों का मानना है कि इसने दूर-दराज़ और अप्रवास विरोधी दलों के उदय को बढ़ावा देकर यूरोप को राजनीतिक रूप से अस्थिर कर दिया। उनके ही कार्यकाल में जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को आगे बढ़ाया, जिससे रूस पर यूरोप की ऊर्जा निर्भरता बढ़ गई। 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, रूस के मुक़ाबले यूरोप की रणनीतिक स्वायत्तता को कमज़ोर करने के लिए इस नीति की कड़ी आलोचना की गई। कुछ आलोचकों का तर्क है कि उनके “प्रतीक्षा करें और देखें” दृष्टिकोण के कारण यूरोपीय संघ के प्रमुख सुधारों (जैसे कि राजकोषीय संघ, साझा रक्षा और डिजिटल एकीकरण) में देरी हुई।
एजेंला मर्केल को लेकर वॉल्टन नाम के यूजर ने खुलासा किया कि ये सब ठीक है, लेकिन हर कोई जानता है कि दीवार गिरने से पहले वह एक पूर्वी जर्मन कम्युनिस्ट थी, फिर भी उसे संयुक्त जर्मनी पर शासन करने के लिए चुना गया। उसे क्यों नहीं हटाया गया?
कैसे बदल रही डेमोग्राफी
जर्मनी में मुस्लिमों की आबादी बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। इसके लिए अगर किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए तो पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल को। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पूरी तरह से वो ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि जर्मनी में मुस्लिम समुदाय की नींव 1960 के दशक में तुर्की से आए श्रमिकों ने रखी थी। लेकिन, 2015 के शरणार्थी संकट ने इसे तेज कर दिया। जर्मन सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2009 तक जर्मनी में मुस्लिम आबादी लगभग 30 लाख थी, जो कुल जनसंख्या का 4% थी।
2015 के बाद यह संख्या बढ़कर 50 लाख से अधिक हो गई, जो अब कुल आबादी का लगभग 6-7% है। इसमें से अधिकांश शरणार्थी सीरिया (7 लाख से अधिक), अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों से आए हैं। यह बदलाव खासकर शहरी क्षेत्रों जैसे बर्लिन, हैम्बर्ग, कोलोन और म्यूनिख में स्पष्ट दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, बर्लिन के कुछ स्कूलों में मुस्लिम छात्रों की संख्या 80% से अधिक हो गई है। यह जनसांख्यिकीय बदलाव जर्मन समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक संरचना को प्रभावित कर रहा
बीबीसी के अनुसार 2021 और 2023 के बीच 143,000 सीरियाई लोगों को जर्मन नागरिकता प्राप्त हुई है, जो किसी भी और अन्य देश की तुलना में बहुत अधिक है, मगर अभी भी 7 लाख से अधिक सीरियाई नागरिक शरणार्थी हैं।
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