म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 रिक्टर स्केल पर आए विनाशकारी भूकंप के कारण चारों तरफ तबाही मची हुई है। अभी तक 150 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इसका सबसे बुरा असर, मंडाले शहर में पर हुआ है, जहां कई इमारतें ढह गईं हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस विनाशकारी भूकंप की चपेट में आने से तकरीबन 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
एक के बाद एक कई भूकंप के झटकों ने मचाई तबाही
म्यामांर में 28 मार्च को आए शक्तिशाली 7.7 की तीव्रता वाला सबसे तेज भूकंप आया। इसके बाद फिर से एक और 7 रिक्टर स्केल का आया, जिसने हालात को भयावह बना दिया। इस कारण से चारों तरफ सड़कें टूट गईं, इमारतें ढह गई हैं। अस्पतालों में मरीजों को रखने के लिए जगहें कम पड़ रही हैं। अस्पतालों में जिंदगी बचाने की जंग मुश्किल में पड़ती दिख रही है। खून की कमी के कारण डॉक्टरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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देश की सेना के प्रमुख सीनियर जनरल मिन ऑंग हलैंग ने फिलहाल, 140 लोगों की मौत और 700 लोगों के घायल होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट में 1000 से अधिक मौतों की आशंका जताई जा रही है।
ढह गया एवा ब्रिज
भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंडाले शहर से होकर बहने वाली इरावदी नदी पर बना ऐतिहासिक एवा ब्रिज भी ढह गया है। इसके अलावा एक फ्लाईओवर भी ढह गया है। इस बीच देश की सैन्य सरकार ने 6 राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया है।
पीएम मोदी बोले-हर संभव सहायता के लिए तैयार
इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे पड़ोसी देश म्यांमार की सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। उन्होंने भूकंप पर चिंता जाहिर करते हुए म्यामांर को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। भारतीय वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर विमान राहत और बचाव सामग्री के साथ उड़ान भरने के लिए तैयार है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार की सहायता के लिए 5 मिलियन डॉलर की राशि जारी की है।
थाइलैंड में भी तबाही
म्यांमार में आए भूकंप का असर पड़ोसी देश थाइलैंड में भी दिखा। वहां भी 10 लोगों की मौत हो गई है। 33 मंजिला इमारत भूकंप के कारण जमींदोज हो गई है। 16 लोग घायल और 101 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जबकि एक और निर्माणाधीन इमारत के ढहने के कारण 43 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
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