नई दिल्ली । 2018 में जीरकपुर की एक महिला से जुड़े बहुचर्चित यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में मोहाली की पॉक्सो अदालत ने शुक्रवार को पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया है। अदालत अब 1 अप्रैल को पादरी बजिंदर सिंह को सजा सुनाएगी। लेकिन सजा से पहले ही पीड़िता ने पादरी बजिंदर सिंह से खुद को बड़ा खतरा बताकर उसकी मनोस्थिति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पादरी बजिंदर सिंह यौन उत्पीड़न मामले की पीड़िता ने कहा- “वह (बजिंदर) पागल है और जेल से बाहर आने के बाद भी वही अपराध करेगा, इसलिए मैं चाहती हूं कि वह हमेशा जेल में ही रहे… आज बहुत सारी लड़कियों (पीड़ितों) की जीत हुई है… मैं डीजीपी से अनुरोध करती हूं कि वे हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें, क्योंकि हम पर हमले की संभावना है…”
#WATCH मोहाली, पंजाब: पादरी बजिंदर सिंह यौन उत्पीड़न मामले की पीड़िता ने कहा, “वह (बजिंदर) पागल है और जेल से बाहर आने के बाद भी वही अपराध करेगा, इसलिए मैं चाहती हूं कि वह हमेशा जेल में ही रहे… आज बहुत सारी लड़कियों (पीड़ितों) की जीत हुई है… मैं डीजीपी से अनुरोध करती हूं कि वे… pic.twitter.com/2BNiOynkCF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2025
बता दें जिस मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया गया है उस मामले में पीड़िता की शिकायत पर बजिंदर सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ जीरकपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इनमें अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सुच्चा सिंह, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप उर्फ पहलवान के नाम भी शामिल थे। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में इन छह आरोपियों को बरी कर दिया।
वहीं अगर इस मामले की चार्जशीट की माने तो, बजिंदर सिंह ने ताजपुर गांव स्थित चर्च में नाबालिग पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें कीं। वह उसे चर्च के केबिन में अकेले बुलाता और वहां उसका यौन शोषण करता। उसने पीड़िता का फोन नंबर लेकर उसे अश्लील संदेश भी भेजे।
कपूरथला पुलिस द्वारा इस गंभीर मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था। वहीं अदालत की अंतिम सुनवाई के दौरान सभी आरोपी पेश हुए, जिनमें से केवल बजिंदर सिंह को दोषी पाया गया।
अब सबकी निगाहें आगमी 1 अप्रैल को सुनाए जाने वाले फैसले पर टिकी हैं, जब कोर्ट पादरी बजिंदर सिंह की सजा का ऐलान करेगी।
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