दिल्ली के मुस्तफाबाद का नाम शिव विहार रखने को लेकर लगातार हो रही सियासत के बीच दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट आज प्रस्ताव विधानसभा में पेश करेंगे। इस मामले पर आज विधानसभा में चर्चा होगी। भाजपा विधायक ने कहा है कि जब किसी क्षेत्र में 60 फीसदी से अधिक आबादी है तो उस क्षेत्र का नाम मुस्तफाबाद क्यों? उन्होंने सवाल किया कि आखिर इसका नाम शिव विहार क्यों नहीं हो सकता है?
विधानसभा चुनाव में उठा था मुद्दा
उल्लेखनीय है कि मुस्तफाबाद से पहली बार चुनाव लड़े मोहन सिंह बिष्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार आदिल खान को 17,578 वोटों से हराया। भाजपा के बिष्ट को 85,215 वोट मिले, जबकि आप के आदिल खान को 67,637 वोट मिले। एआईएमआईएम के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को 33,474 वोट मिले और कांग्रेस के अली मेहदी को 11,763 वोट मिले। अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था।
चुनाव जीतने के बाद मोहन सिंह बिष्ट ने अपने वादे को दोहराया कि वह मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी या शिव विहार रखेंगे।
हाजी यूनुस ने की थी माहौड़ भड़काने की कोशिश
दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुस्तफाबाद से आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी यूनुस ने मुसलमानों को भड़काकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश बीते दिनों की थी। हाजी यूनुस ने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिव विहार किए जाने के मामले में कहा था कि हमने चूड़ियां थोड़ी न पहन रखी है। आप नेता ने धमकी दी थी कि जब तक मैं जिंदा हूं मुस्तफाबाद का नाम नहीं बदल पाओगे, चाहे कुछ भी कर लो।
हाजी यूनुस ने ये भी कहा था कि मुस्तफाबाद में अब हम 48.9 फीसदी हैं, जब तक मैं जिंदा हूं मुस्तफाबाद तो मुस्तफाबाद ही रहेगा। अगर इन लोगों को इतनी ही फिक्र थी तो शिव विहार का एमसीडी इलेक्शन से पहले नाम बदलकर ईस्ट करावल नगर क्यों कर दिया। 2026 में दिल्ली का परिसीमन होने जा रहा है, जिसमें एक सीट बढ़ाई जाएगी, उसमें ये लोग ईस्ट करावल नगर वार्ड को शिवपुरी रखें या कुछ भी कर ले, लेकिन मुस्तफाबाद का नाम नहीं बदलने देंगे।
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