आगरा । समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद उपजे तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है, आज आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर हमला बोल दिया और जमकर हंगामा किया।
आगरा की इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव अब बैकफुट पर आ गए हैं। पहले रामजी लाल सुमन के बयान का समर्थन करने वाले अखिलेश ने अब सफाई दी कि राणा सांगा की वीरता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा और न ही उनके अपमान का कोई उद्देश्य है।
वहीं रामजी लाल सुमन के आवास पर करणी सेना के हमले को लेकर अखिलेश ने इसे दलित विरोधी करार देते हुए नया एंगल देने की कोशिश की। उन्होंने कहा- रामजीलाल सुमन पर हमला इसलिए कि वह एक दलित हैं। दलित होने की वजह से ही रामजी लाल सुमन पर हमला हुआ है।
इससे पहले अखिलेश यदव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करती है। हम कमज़ोर से कमज़ोर हर एक व्यक्ति को भी सम्मान दिलाना चाहते है। हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। समाजवादी पार्टी मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही।
उन्होंने कहा- हमारे सांसद ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गये इतिहास और एक पक्षीय की गई व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है। आज के समय में बीते कल की मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती। राज काज के निर्णय अपने समय की परिस्थियों की माँग के हिसाब से लिए जाते थे। इतिहास की घटनाओं के आधार पर आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं चल सकती।
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