पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह बार-बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है। उसकी इस हरकत पर मंगलवार को शांति स्थापना के सुधारों संयुक्त राष्ट्र की बहस के दौरान भारत ने उसकी आलोचना की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने इसे बिल्कुल भी अनुचित करार दिया। साथ ही कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।
भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि भारत इस बात को नोट करने के लिए बाध्य हो गया है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर से भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर अनुचित टिप्पणी की है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखाया कि वो अपने विभाजनकारी एजेंडे के लिए संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच का इस्तेमाल करने के लिए प्लेटफॉर्म का ध्यान भटकाने की कोशिश न करे।
पाकिस्तान जम्मू कश्मीर पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहा है, उसे इस क्षेत्र को तुरंत खाली करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट सैयद तारिक द्वारा संयुक्त राष्ट्र में यूएन शांति स्थापना के भविष्य विषय पर चर्चा के दौरान दिए गए भाषण के जवाब में भारत सरकार ने ये कहा है। भारत सरकार ने ये स्पष्ट किया है कि भारत सरकार पाकिस्तान के साथ संबंधों को मधुर बनाने का पक्षधर है, लेकिन आतंक और शत्रुता को छोड़कर वैसा वातावरण पाकिस्तान को बनाना होगा।
पाकिस्तान ने शांति के बदले दिया विश्वासघात
हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पॉडकास्ट के दौरान पाकिस्तान की दोगली नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा था कि जब भी भारत ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने की कोशिश की है, बदले में उसने विश्वासघात और शत्रुता दिखाई है। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बात करते हुए पीएम मोदी ने विशेषरूप से उस वक्त को याद किया था, जब उन्होंने 2014 में शपथ ग्रहण के दौरान नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था।
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