अमेरिका का एक सीक्रेट लीक हो गया है, जिसके बाद देश में हड़कंप मच गया है। जानकारी लीक तब हो गई, जब गलती से ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने द अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डनबर्ग को एक हाई प्रोफाइल ‘हूती पीसी स्मॉल ग्रुप’ नाम के ग्रुप चैट में जोड़ लिया।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस चैट ग्रुप में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ, सीआईए निदेश जॉन रैटक्लिफ, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हैं। इस एक गलती के कारण अमेरिका की सैन्य गतिविधियों वाली सीक्रेट्स सार्वजनिक हो गई हैं।
कब हुई ये घटना
गौरतलब है कि बीते दिनों अमेरिकी वायुसेना ने यमन के हूती आतंकियों पर जबर्दस्त हमला किया। ये घटना 15 मार्च को किए गए हमले से कुछ दिनों पहले की बताई जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑफिस व्हाइट हाउस की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। वहीं इस पर द अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग का कहना है कि उन्हें उक्त ग्रुप में गलती से जोड़ लिया गया था। उन्होंने इस घटना को एक प्राइवेट मैसेजिंग ऐप का चौंकाने वाला इस्तेमाल करार दिया है।
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इस चैट लीक को लेकर कथित तौर पर कहा जा रहा है कि इसमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस कहते हैं कि लाल सागर के मामले में मुझे फिर से यूरोप को बचाने से नफरत है।
व्हाइट हाउस ने शुरू की जांच
इस बीच इस घटना को लेकर हो रही सियासत के बीच राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा है कि इससे किसी भी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती नहीं मिली है।
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