इस्लामिक देश मलेशिया में 130 साल पुराने मंदिर पर मंडराया संकट
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

मलेशिया में 130 वर्ष पुराने हिन्दू मंदिर पर संकट के बादल: क्या है पूरा विवाद, कौन पक्ष में, कौन कर रहा विरोध

मंदिर समिति का कहना है कि मस्जिद मंदिर के बगल में भी बनाई जा सकती है, तो वहीं कुछ कट्टर पंथी लोग इस मामले में मस्जिद निर्माण को लेकर भड़काने वाले बयान भी दे रहे हैं।

by सोनाली मिश्रा
Mar 25, 2025, 10:35 am IST
in विश्व
Malyesia Selangor Temple demolition threat

सेलंगोर में स्थित यह मंदिर 130 वर्ष पुराना है

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में एक 130 वर्ष पुराने मंदिर पर संकट के बदल छाए हुए हैं। यह मंदिर एक सरकारी जमीन पर बना था, जिसे एक ट्रेडिंग कंपनी ने खरीदा है और अब वहाँ पर मस्जिद बनाने की तैयारी है।

इस मंदिर में देवी श्री पार्थ कालीअम्मा अम्मा की पूजा कई पीढ़ियों से लोग करते हुए आ रहे हैं। यह मंदिर एक सरकारी जमीन पर बना था, जिसे अब टेक्स्टाइल के एक बहुत बड़े समूह जकेल ने खरीद लिया है। इस जमीन को खरीदे जाने की मंशा भी यही थी कि यहाँ पर एक बहुत बड़ी मस्जिद बनाई जाए।

समूह द्वारा मंदिर को दूसरे स्थान पर ले जाए जाने की भी बात की जा रही है। कंपनी का कहना है कि वह इसके स्थानांतरण का सारा व्यय देगी। मगर मंदिर को मस्जिद के लिए दूसरे स्थान पर ले जाने की बात से देश में काफी लंबे समय से चली आ रही धार्मिक सहिष्णुता की बहस एक बार फिर से तेज हो गई है।

मस्जिद के लिए आधिकारिक समारोह 27 मार्च को निर्धारित है, जिसमें मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहीम इस मस्जिद की नींव डालेंगे। इसे लेकर लगातार बातचीत चल रही है।

मंदिर समिति का कहना है कि मस्जिद मंदिर के बगल में भी बनाई जा सकती है, तो वहीं कुछ कट्टर पंथी लोग इस मामले में मस्जिद निर्माण को लेकर भड़काने वाले बयान भी दे रहे हैं। परंतु इस मंदिर को लेकर मलेशिया में भी पक्ष में आवाजें उठ रही हैं। लॉयर्स फॉर लिबर्टी के इग्ज़ेक्यटिव डायरेक्टर ज़ैद मलेक ने जकेल समूह की जल्दबाजी पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि “”अनवर उस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक स्थान और समय देने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं? यह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि अनवर को लगता है कि मंदिर को हटाना उचित है ताकि उसकी जगह पर मस्जिद बनाई जा सके,”

यह मंदिर चूंकि सरकारी जमीन पर बना हुआ था, जो कि अब किसी व्यापारिक समूह ने खरीद ली है, तो कट्टरपंथियों का कहना है कि किसी और की जमीन पर बना हुआ मंदिर अवैध है और मंदिर को अब मस्जिद के लिए जमीन खाली कर देनी चाहिए।

वहीं प्रधानमंत्री अनवर इब्राहीम का यह कहना है कि उनका इस मस्जिद विवाद से कोई लेना देना नहीं है और वे खुद भी नहीं चाहते कि किसी मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई जाए। सोशल मीडिया पर भी लोग यही कह रहे हैं कि “मस्जिद मदानी” को कहीं और किसी स्थान पर बनाया जा सकता है। wion के अनुसार प्रधानमंत्री अनवर ने पिछले सप्ताह यह स्पष्ट किया कि मस्जिद तभी बनेगी जब मंदिर को दूसरे स्थान पर बना दिया जाएगा।

चूंकि मलेशिया में जो मंदिर हैं, वे लगभग उसी समय के हैं, जब भारत से अंग्रेज रबर और रेलवे आदि के लिए भारत से श्रमिकों को ले गए थे। सेलंगोर प्रांत में लगभग 7,00,000 मलेशियाई भारतीय हैं, और यहाँ पर लगभग 773 मंदिर हैं और ये सभी कथित रूप से सरकारी जमीन पर हैं।

जहां प्रधानमंत्री अनवर और जकेल समूह इस बात पर बल दे रहे हैं कि मस्जिद को तभी यहाँ पर बनाया जाए, जब मंदिर को पूरी तरह से किसी दूसरी भूमि पर स्थानांतरित कर दिया जाए तो वहीं मंदिर समिति इसी बात पर बल दे रही है कि मस्जिद को मंदिर के बगल में ही बनाया जा सकता है और वहीं कट्टरपंथी राजनीतिक दल जकेल समूह को लेकर कह रही हैं कि यह उनका हक है कि वे अपनी जमीन पर मस्जिद बनाएं।

भारतीय मूल के लोगों की पार्टी उरीमाई के नेता और पेनाङ के पूर्व उपमुख्यमंत्री पी रामासामी ने मंदिर के विषय में कहा कि यह मंदिर मलेशिया की आजादी से पहले से ही एक महत्वपूर्ण और धार्मिक प्रतीक है। किसी भी उद्देश्य के लिए इतने पुराने मंदिर को हटाया जाना अस्वीकार्य है और विशेषकर उस देश में जिसे अपने बहुधार्मिक होने की परंपरा पर गर्व है।

कई मीडिया पोर्टल्स यह भी लिख रहे हैं कि इसी विवाद के बीच एक मुस्लिम मौलाना के वीडियो भी फैलाए जा रहे हैं, जिसमें वह दावा कर रहा है कि मंदिर एक मस्जिद के लिए आरक्षित जमीन पर बिना अनुमति के बना है। मगर मंदिर से जुड़े लोगों का यह कहना है कि मंदिर वैध रूप से बना हुआ है। यदि यह अवैध होता तो स्थानीय सरकार इसे वर्ष 2008 में ही नष्ट कर देती, जब उसका सौंदर्यीकरण आदि कराया गया था। उनका दावा है कि जब यह जमीन सरकार के अंतर्गत थी तो इस जमीन की स्थिति को “मिश्रित विकास” के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

Topics: 130 साल पुराना मंदिरMasjid Madaniजकेल समूहIndian origin Malaysiansहिंदू मंदिर मलेशियाSelangor templeमस्जिद मदानीभारतीय मूल मलेशियाईसेलंगोर मंदिरMalaysia temple disputeReligious Tolerancemosque construction MalaysiaAnwar Ibrahim130 year old templeमलेशिया मंदिर विवादJakel groupमस्जिद निर्माण मलेशियाHindu temple Malaysia
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Muslim woman praying in a temple

मुस्लिम महिला ने शिव मंदिर में की पूजा, परिजन की जान बचने पर भगवान का किया धन्यवाद

Guru Arjan dev ji

बलिदानियों के शिरोमणि और ब्रह्मज्ञानी गुरु अर्जन देव जी

कानून का राज और मजहब की आवाज

सनातन धर्म  ब्रह्मांड का शाश्वत नियम है।

दीनदयालजी उपाध्याय जयंती: धर्म और रिलिजन के बीच अंतर को समझें

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies