नैनीताल: उच्च न्यायालय ने देहरादून की नदियों पर अतिक्रमण मामले में जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए शासन के उच्च अधिकारियों को तलब कर निर्देश दिया है कि नदियों से अतिक्रमण, जल स्रोतों से अतिक्रमण को हटाया जाए, कोर्ट ने शासन स्तर पर ढीली कार्रवाई पर भी नाराजगी जताते हुए उन्हें हिदायत की।
देहरादून में जलस्रोतों और नदियों पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से बसावट कर ली है। जिस पर उर्मिला थापा, अजय नारायण शर्मा और रीनू पाल के द्वारा दायर जनहित याचिका की सामूहिक रूप से सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस श्री वी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति श्री आलोक मेहता ने कहा कि देहरादून की नदियों,जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाते हुए वहां निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा कर डीजीपी निगरानी करवाए।
शासन की तरफ से वन सचिव, शहरी विकास सचिव, देहरादून निगम के नगर आयुक्त, सचिव राजस्व उपस्थित हुए, उच्च अधिकारियों ने स्वीकार किया कि अतिक्रमण हटाने में किन्हीं कारणों से देरी हो रही है। कोर्ट ने शीघ्र इस मामले में कार्रवाई की अपेक्षा जताई है।
उल्लेखनीय है कि देहरादून में रिस्पना, बिंदाल और अन्य नदियां,नाले,जल स्रोत अतिक्रमण की चपेट में है,राजनीतिक कारणों से इनपर से अवैध रूप से बने भवनों को हटाया नहीं जा सका है।
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