अफ्रीकी देश नाइजर में आतंकी संगठन ISIS ने मुसलमानों के साथ कत्लेआम किया है। आतंकियों ने एक मस्जिद में नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों को चारों तरफ से घेरकर उनके उनपर अंधाधुन गोलियां बरसाई। इसमें जीनोसाइड में 44 नमाजियों की मौत हो गई, जबकि 13 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। इसमें से भी 4 लोगों की हालक नाजुक बनी हुई है।
क्या है पूरा मामला
देश के गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई जानकारी में बताया गया है कि ये घटना ग्रेटर सहारा में दक्षिण-पश्चिम नाइजर में एक मस्जिद में हुई है। इसी मस्जिद में शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे मुस्लिमों का एक समूह नमाज पढ़ने आता है। इसी दौरान आतंकी संगठन ISIS को इसकी भनक लग गई। इसके बाद आतंकियों ने पूरी मस्जिद को चारों तरफ से घेर लिया और ताबड़तोड़ गोलीबारी करके लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद वहां से फरार होने के पहले आतंकियों ने एक बाजार और घरों में भी आग लगा दी। दो साल पहले नाइजर में सैन्य तख्तापलट हुआ था। इसके बाद से वहां की सैन्य सरकार ने आतंकियों के साथ सैन्य सहयोग को खत्म कर दिया। इसका असर ये हुआ कि बौखलाए आतंकी लगातार अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
नाइजर में तीन दिन का राष्ट्रीय अवकाश
इस जीनोसाइड के खिलाफ नाइजर की सरकार ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। खास बात ये है कि नाइजर एक मुस्लिम देश है, जिसमें 99 फीसदी से अधिक मुस्लिम हैं।
क्यों लहुलुहान हो रहा नाइजर
नाइजर में अपराध बढ़ने के पीछे कई सारे फैक्टर हैं। जिस स्थान पर ये नरसंहार हुआ है, वह जगह है फैम्बिता, जो कि माली और बुर्किना फासो की सीमा से लगा हुआ है। ये वो जगह है, जहां पर तीनों ही देशों की सीमाएं आकर मिलती हैं। ये जगह इस्लामवादी आतंकियों का गढ़ माना जाता है। गौरतलब है कि रुस की निजी आर्मी वैगनर ग्रुप यहां सुरक्षा व्यवस्था देखती है।
टिप्पणियाँ