केरल की पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली वामपंथी सरकार अपने विधायकों, मंत्रियों और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन को बढ़ा रही है। जबकि, ये पहले से ही मोटी तनख्वाह ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य की आशा कार्यकर्ता लंबे वक्त से मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी ओर ध्यान ही नहीं दे रही है।
अनिश्चितकाली भूख हड़ताल कर रहीं आशा
अपने अधिकारों को पाने के लिए राज्य सचिवालय के सामने तीन आशा कार्यकर्ता बीते तीन दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी हुई हैं। लेकिन सरकार उनकी ओर ध्यान तक नहीं दे रही है। इस बीच राज्य की सभी आशा कार्यकर्ताओं ने जिला केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के सामने कल सामूहिक उपवास करने का फैसला किया है।
एक आशा कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ी
इस बीच भूख हड़ताल कर रही आशा कार्यकर्ता आर शीजा के सीने में कल से दर्द उठा है। उन्हें जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया गया है कि तेज गर्मी के कारण उन्हें डिहाइड्रेशन हो गया था। हालांकि, अब उन्हें घर भेज दिया गया है। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य में सुधार होते ही शीजा वापस धरने पर आ जाएंगी। वहीं एक अन्य आशा कार्यकर्ता शोभा, आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ की राज्य महासचिव एमए बिन्दु और थंकमणि अभी भी हड़ताल जारी रखे हुए हैं।
सरकार ने जांच के लिए डॉक्टर तक नहीं भेजा
दूसरी ओर इन आशा कार्यकर्ताओं को कड़ी गर्मी के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, अभी तक इन कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य की जांच के लिए सरकार की ओर से डॉक्टर तक को नहीं भेजा गया। हालांकि, कुछ प्राइवेट डॉक्टरों ने स्वेच्छा से इन आशा वर्कर्स की जांच अवश्य की है। हां इस हड़ताल को जारी रखने के लिए नालंचिरा सर्वोदय स्कूल के एक तीसरी कक्षा के छात्र अर्नव चेरियन ने हड़ताल के लिए अपनी स्कॉलरशिप को जरूर दान कर दिया है।
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