गत दिनों लखनऊ में ‘अहिंसामयी जीवन का आधार : परस्पर सद्भाव और सौहार्द’ विषय पर एक परिचर्चा आयोजित हुई। उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान एवं सामाजिक सद्भाव, लखनऊ महानगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस परिचर्चा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री स्वांत रंजन ने कहा कि राष्ट्र की समृद्धि और विकास के लिए परस्पर सद्भावना और सौहार्द आवश्यक है।
भारत विश्व में अहिंसा का अग्रदूत है। ई. पूर्व छठी शताब्दी में भगवान महावीर और भगवान बुद्ध ने मानवीय गुणवत्ता को प्रखर करने हेतु अहिंसा को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया। विश्व शांति के लिए आज अहिंसा की उपादेयता बहुत अधिक है।
परिचर्चा को उ.प्र. जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. अभय कुमार जैन, बौद्ध संस्थान के बौद्ध भिक्षु शील रतन, बौद्ध भिक्षु बेंजुलिम महास्थविर, प्रजापति ब्रह्मकुमारी बहन राधा दीदी, लखनऊ जैन समाज के डॉ. संजीव जैन आदि ने भी संबोधित किया।
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