लखनऊ (हि.स.) । उत्तर प्रदेश का किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेगा। इस तरह से उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने एग्रीवोल्टिक्स परियोजना को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने “उत्तर प्रदेश में एग्रीवोल्टिक्स परियोजनाओं का प्रदर्शन” शीर्षक से राज्य सरकार के तकनीकी सहायता प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस परियोजना के तहत एक ही भूमि पर कृषि और सतह से ऊपर सौर ऊर्जा उत्पादन दोनों संभव होंगे। उत्तर प्रदेश में उपलब्ध भूमि सीमित है, ऐसे में यह नवाचार किसानों और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा। इससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस तरह योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का किसान अब सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि ऊर्जादाता भी बन जाएगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगा।
सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में यूपीनेडा का ऐतिहासिक कदम
इस सहायता के साथ, उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे एडीबी से इस प्रकार की आर्थिक सहायता मिली है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित इस परियोजना के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से ₹4.15 करोड़ (0.50 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की तकनीकी सहायता मांगी गई थी। यह प्रस्ताव 28 फरवरी 2025 को आर्थिक मामलों के विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की 153वीं बैठक में अनुमोदित किया गया। इस मंजूरी के साथ, डीईए ने इस परियोजना को एडीबी के समक्ष अनुदान के रूप में प्रस्तुत किया है। यदि यह पायलट परियोजना सफल रहती है तो, भविष्य में उत्तर प्रदेश सरकार भारत सरकार के सहयोग से इस पर एक व्यापक नीति तैयार करेगी। यह पहल नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने, कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार लाने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो ऐसी प्रेरणा व प्रयास यूपीनेडा द्वारा किया जा रहा है।
किसानों को सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण का मिलेगा लाभ
एडीबी को इस परियोजना के आगे की प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। उत्तर प्रदेश की यह पहल भारत की स्वच्छ ऊर्जा और सतत कृषि नीति को समर्थन देती है और अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल साबित हो सकती है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे किसानों को सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण दोनों का लाभ मिलेगा।
टिप्पणियाँ