ये भारत की नींव में रोपे गए संस्कार ही हैं कि सदियों से आक्रांताओं के रक्तपात को झेलते हुए भी पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। वसुधैव कुटुंबकम् का मंत्र दुनिया को दे रहा है। महाकुंभ के अवसर पर पूरी दुनिया ने भारत की धर्म ध्वजा को लहराते हुए देखा। संघ के स्वयंसेवक समरसता और संस्कारों को और पुष्ट कर रहे हैं।
अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग विदर्भ प्रांत के अमरावती नगर में 3-4 अगस्त 2024 को संपन्न हुआ। सभी 45 प्रांतों के 137 कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मा. भैय्याजी जोशी जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। त्रिपुरा, दक्षिण असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश सहित 40 प्रांतों में अभ्यास वर्ग संपन्न भी हुए ।
- इस वर्ष मेघालय और त्रिपुरा में कार्य की शुरुआत हुई है। खासी भाषा में मंत्रों एवं प्रार्थना की पहली पुस्तक का निर्माण हुआ। त्रिपुरा में भगवद् गीता स्थानीय कॉकबोराक भाषा में अनुवादित करके 2000 परिवारों में वितरित की गयी और 2 जागरण यात्रा निकली।
- उत्तर बिहार प्रांत में बेतिया, जिला बारसोई में एक दिन का अभ्यास वर्ग 500 प्रमुख राजवंशी, थारू, दलित समूह बंधु भगिनी की उपस्थिति में संपन्न हुआ। छत्तीसगढ़ प्रांत में तीन दिन के अभ्यास वर्ग में 120 धाम के 137 प्रमुख पुजारी, पाहन, गुरु माता, बैगा, गुनिया, पंडा, साधु संत सहभागी हुए। छत्तीसगढ़ प्रांत में ‘सर्व सनातन हिन्दू सम्मेलन’ से 410 गाँवों में संपर्क हुआ।
- देवगिरी प्रांत के जालना में 2 स्थानों पर 2000 नायक कारभारी, पुजारी, भजनकारी परिषद् में उपस्थित रहे।
- मालवा प्रांत के जनजाति बहुल झाबुआ जिले के मेघनगर में रुद्राक्ष महाभिषेक एवं नाडी परीक्षण का आयोजन हुआ। 250 साधु-संत, पटेल, तड़वी, पुजारा, भगत इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कुल 700 कार्यकर्ताओं की योगदान से 160 गाँवों से 60,832 परिवारों के लगभग 2,00,000 लोगों ने रुद्राक्ष पहने।
- तेलंगाना और पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत में पुजारी प्रशिक्षण वर्ग में 764 गाँवों से 95 जाती – जनजाति के 765 पुरुष और 233 महिला पुजारी प्रशिक्षित हुए ।
- उत्तर असम के चाय बागान क्षेत्र में 5 स्थानों पर 773 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ । 83 गावों से शिशु संस्कार हेतु आयोजित कृष्णगोकुलम में 2732 शिशु सम्मिलित हुए ।
- धर्म भाव दृढ़ करने के लिये 45 प्रांतों में 521 जागरण यात्रा के माध्यम से 4634 गाँवों में संपर्क हुआ ।
देशभर में धर्म रक्षा बंधन, भारत माता पूजन, धर्म रक्षा दिवस, संत यात्रा, जागरण यात्रा और आंध्र एवं तेलंगाना में घर-घर हिंदू धर्म परिचय अभियान हुआ। इन सभी माध्यम से संपूर्ण देश में 40,265 स्थानों में 40 लाख परिवार के 2 करोड़ लोगों से संपर्क किया गया ।
मालवा रुद्राक्ष महायज्ञ झाबुआ धर्म जागरण गतिविधि द्वारा आयोजित इस महायज्ञ के लिये 160 ग्रामों में बैठक कर समितियां बनी। जिले के पटेल, पुजारियों का सम्मेलन हुआ। 185 कार्यकर्ता सात दिन के लिये विस्तारक निकले 1,062 दम्पत्ति पंजीयन कर उपस्थित रहे। 15,000 जनजाति माता बहिनों की उपस्थिति इस आयोजन में हुई। ग्राम संपर्क के दौरान 1,85,000 बंधु भगिनि को रुद्राक्ष पहनाये गये ।
धर्म जागरण गतिविधि एवं शाखा के कार्यकर्ताओं ने कक्षा 6 से 8 तथा कक्षा 9 से 12 में सनातन धर्म, संस्कृति, वेद वेदांत आदि विषयों आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया। 20 विद्यालयों में प्रतियोगिता का सफलतम आयोजन हो गया । 14,700 विद्यार्थी सहभागी हए। प्रतियोगिता में जिले के कई बुद्धिजीवियों, विद्यालयों की द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
काशी ग्राम नरोडया में 4 स्वयसेवकों ने प्राथमिक शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण लिया। अब गांव में नई शाखा प्रारम्भ हो गई है।
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