मध्य प्रदेश के श्योपुर के उमरीकला गांव से एक दिल दहला देने वाली, लेकिन मां की ममता की अनोखी मिसाल पेश करने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने अपने 9 साल के बेटे को चीते (या तेंदुए?) के जबड़े से छीनकर उसकी जान बचा ली। ये खौफनाक मुठभेड़ 10 मिनट तक चली, जिसमें मां ने अपनी जान की परवाह न करते हुए साक्षात काली बनकर जंगली जानवर से लोहा लिया। बच्चे को 120 टांके लगे, लेकिन वो अब खतरे से बाहर है। ये कहानी हर मां की ताकत और प्यार को बयां करती है!
क्या हुआ था उस शाम..?
शाम 6:30 बजे, 9 साल का अविनाश उर्फ निर्मल धाकड़ अपने घर की बाउंड्री के पास खेल रहा था। उसकी मां ‘सुरक्षा’ पास में मवेशियों को चारा डाल रही थी। तभी अचानक जंगल से निकला एक चीता (या तेंदुआ) बच्चे पर झपटा और उसकी गर्दन व चेहरा अपने जबड़े में दबा लिया। बच्चे की चीख सुनते ही मां का दिल थम गया। सुरक्षा ने सबकुछ छोड़कर बेटे की जान बचाने की ठान ली। वो दौड़कर चीते के पास पहुंची और बिना डरे उसके जबड़े में हाथ डाल दिया!
10 मिनट की जंग – मां बनाम चीता
एक तरफ चीता बच्चे को खींच रहा था, दूसरी तरफ मां अपनी पूरी ताकत से उसे बचाने में जुटी थी। चीता गुर्राता रहा, लेकिन मां ने हार नहीं मानी। आखिरकार उसने बच्चे को चीते के चंगुल से आजाद करा लिया। लेकिन चीता अभी भी शिकार की तलाश में था। मां ने समझदारी दिखाई – घायल निर्मल और अपने दूसरे बेटे को एक सुरक्षित जगह छुपा दिया। चीता 10 मिनट तक बाउंड्री के पास मंडराता रहा, लेकिन मां की हिम्मत के आगे उसे मुंह की खानी पड़ी।
चीता या तेंदुआ..? – विवाद जारी
वन विभाग का दावा है कि हमला करने वाला जानवर तेंदुआ था, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ये चीता था। उनका तर्क? कूनो नेशनल पार्क में चीतों की रिहाइश के बाद 10-15 बार गांव के आसपास चीते दिखे हैं, जिनकी आंखों के पास काली धारियां साफ नजर आती हैं।
बच्चे की हालत और मां की जीत
हमले में निर्मल बुरी तरह घायल हो गया। उसे ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसके शरीर पर 120 टांके लगे। अच्छी खबर ये कि वो अब खतरे से बाहर है। मां ‘सुरक्षा’ ने सचमुच अपने नाम को सार्थक कर दिखाया।
क्यों वायरल है ये कहानी..?
ये सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि मां की उस असीम शक्ति की गाथा है, जो अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर गुजरती है। सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘मां की ममता की जीत’ और ‘सच्ची दुर्गा’ कहकर शेयर कर रहे हैं।
टिप्पणियाँ