मुंबई (हि.स.) । दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा की मौत मामले को लेकर गुरुवार को महाराष्ट्र में राजनीति गर्मा गई है। इस मामले में जोरदार आरोप और प्रत्यारोपों की वजह से गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों का कामकाज कुछ देर तक के लिए स्थगित करना पड़ा। गृहराज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है और रिपोर्ट आने पर सभागृह में पेश की जाएगी।
इस मामले को लेकर आज सुबह सत्तापक्ष के विधायकों ने विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठकर प्रदर्शन किया था। विधानसभा का कामकाज शुरू होने पर भाजपा विधायक अमित साटम ने कहा कि दिशा सालियन के पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग की है। दिशा सालियन ने इस मामले में शिवसेना यूबीटी के विधायक आदित्य ठाकरे का नाम लिया है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। इसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। साटम के बाद भाजपा विधायक नीतेश राणे ने भी इस मामले में आदित्य ठाकरे को गिरफ्तार करने की मांग की। इसके बाद सदन में शोरशराबा होने लगा, जिससे अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सभागृह का कामकाज दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
विधान परिषद में शिवसेना शिंदे समूह की विधायक मनीषा कायंडे ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दिशा सालियन मामले में आदित्य ठाकरे का नाम सामने आ रहा है, इसलिए आदित्य ठाकरे को गिरफ्तार कर जांच की जानी चाहिए। इसके बाद भाजपा विधायक दल नेता प्रवीण दरेकर ने मनीषा कायंदे की मांग का समर्थन किया। शिवसेना विधायक अनिल परब और नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट जो आदेश देगा , उसका पालन किया जाएगा। इस पर सत्तापक्ष के विधायक शोर शराबा करने लगे, जिससे विधानपरिषद का कामकाज दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
विधान भवन परिसर में आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में न्यायप्रविष्ठ है। कोर्ट का जो भी आदेश आएगा, मैं उसका पालन करुंगा। आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह मामला जानबूझकर उन्हें बदनाम करने के लिए उठाया जा रहा है। राकांपा एसपी के विधायक रोहित पवार ने कहा कि पांच साल पहले का मामला आज अचानक अन्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए उठाया जा रहा है, जबकि वे व्यक्तिगत रूप से जानते हैं कि आदित्य ठाकरे ऐसा नहीं कर सकते।
कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने कहा कि राज्य में सबसे महत्वपूर्ण किसानों का मुद्दा है, लेकिन इस महत्वपूर्ण मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए दिशा सालियन का मुद्दा उठाया जा रहा है। इस मामले की जब जांच चल रही थी तो इस मामले पर जोर-जोर से आवाज उठाने वाले विधायक नीतेश ठाकरे जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष पेश नहीं हुए थे। अगर उनके पास सबूत होते तो जांच कर रहे अधिकारियों को देना चाहिए था।
शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राऊत ने कहा कि कल औरंगजेब का मामला उल्टा सरकार पर ही पलट गया है, इसलिए आज अचानक लोगों का ध्यान हटाने के लिए पांच साल पुराना मामला ठाकरे परिवार को बदनाम करने के लिए उठाया जा रहा है।
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