इस समय राजस्थान में जिहादी तत्वों द्वारा हिंदू लड़कियों के साथ जो किया जा रहा है, वह बहुत ही चिंतनीय है। कुछ प्रभावशाली मुसलमानों के इशारे पर मुस्लिम लड़के कल,बल और छल के जरिए हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं और उन्हें जबरन मुसलमान बनाते हैं। गत दिनों विजय नगर में कुछ ऐसा ही हुआ। इसके बाद तो हिंदू समाज सड़कों पर उतर आया। पुलिस ने अब तक 13 मुसलमानों को पकड़ा है। इनमें से तीन नाबालिग हैं। इन तीनों को बाल सुधार गृह में रखा गया है, बाकी जेल में हैं। इनसे पूछताछ में जो जानकारी मिली, उसने अजमेर में 33 वर्ष पहले हुई उस घटना को ताजा कर दिया, जिसमें सैकड़ों हिंदू लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ था।
नवगठित ब्यावर जिले में स्थित विजयनगर, जिसे बिजयनगर भी कहा जाता है नामक कस्बा खारी नदी के किनारे बसा है। 2011 की जनगणना के अनुसार विजयनगर में 14.11 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी। यह आंकड़ा 14 साल में और बढ़ा है।
विजयनगर से पहले टोंक में भी एक अनुसूचित वर्ग की नाबालिग के साथ छह मुस्लिम युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। एक अन्य घटना 2 मार्च को भीलवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र में सामने आई, जहां आठ मुस्लिम लड़के एक हिंदू युवती से दुष्कर्म के मामले में नामजद हैं। इन सभी घटनाओं में काफी समानताएं हैं। पहले लड़कियों पर दबाव डालकर उनसे दोस्ती की गई। इसके बाद उन्हें कैफे ले जाकर दुष्कर्म किया गया। उनके अश्लील वीडियो बनाए गए और इनके माध्यम से उनका भयादोहन किया जाने लगा। विजयनगर की पीड़ित नाबालिग छात्राओं का आरोप है कि मुस्लिम युवकों ने उन्हें पहले कथित प्रेमजाल में फंसाया। पीड़िताओं से उनकी सहेलियों को भी लाने को कहा गया। जब पानी सिर से ऊपर चला तो लव जिहाद और जिहादियों के षड्यंत्र की परतें उधड़ती गईं।
विजयनगर, टोंक और भीलवाड़ा से पहले भी लव जिहाद और दुष्कर्म की दर्जनों घटनाएं सामने आ चुकी हैं। विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र मंत्री सुरेश उपाध्याय कहते हैं, ‘‘भीलवाड़ा में दो साल के अंदर 24 से अधिक लव जिहाद के मामले दर्ज हुए हैं। सामान्यतया पुलिस-प्रशासन ऐसे प्रकरणों को लव जिहाद नहीं मानता, बल्कि प्रेम प्रसंग मानकर मामले की लीपापोती ही करता है। इतनी छोटी उम्र के लड़के इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के जघन्य कांड नहीं कर सकते। निश्चित ही इन सबका कोई न कोई सरपरस्त, सरगना होगा। पुलिस-प्रशासन उसको ढूंढे और उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करे। इन्हें पैसा कहां से मिलता है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।’’
ऐसे पकड़ में आए जिहादी
पीड़ित परिवार के एक सदस्य के अनुसार, ‘‘हमारे घर से कुछ रुपए चोरी हो गए थे, तो हमने उसकी खोजबीन शुरू की। बच्चों से भी पूछा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। फिर हमने उन पर नजर रखना शुरू किया। एक दिन हमारी बच्ची मोबाइल पर बात कर रही थी। जब हमने उससे पूछा कि यह मोबाइल कहां से आया, तो वह घबरा गई और फोन काट दिया। इसके बाद उस मोबाइल पर 10-20 बार फोन आया। जब बच्ची ने कॉल उठाई, तो दूसरी तरफ से बहुत गंदी-गंदी गालियां दी गईं। उस लड़के ने कहा, ‘तू मुझे कैसे छोड़ सकती है, किसी और से दोस्ती नहीं कर सकती।’ इस पर हमें अंदेशा हुआ कि मामला गंभीर है। हमने बच्ची से कहा कि उस लड़के को किसी एकांत जगह बुलाओ। जब वह आया, तो हमने उसे पकड़ लिया और उससे पूछताछ की। उसने बताया कि उसे बाहर से पैसा मिलता है। ब्राह्मणों की लड़कियों के लिए 20 लाख, अन्य के लिए 10 लाख। उसने यह भी कहा कि उसके पास और भी लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस ने उस लड़के से पूछताछ की और उसके माध्यम से अन्य लड़कों को पकड़ा। जांच के दौरान पाया गया कि स्कूल की कुछ अन्य लड़कियों के पास भी ऐसे ही मोबाइल थे और उनके हाथों पर ब्लेड से कट लगाए गए थे। उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर वे किसी को कुछ बताएंगी, तो उनके घर वालों को मार दिया जाएगा। धमकी की वजह से बच्चियां बहुत डरी हुई थीं। इसी डर से वे चुप थीं। पुलिस की जांच के बाद ही वे खुलकर बोलने लगीं। इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए।’’ आरोपियों ने लड़कियों से कहा था, ‘‘तुम चिंता मत करो, तुम्हारी शादी हो जाएगी, हमारे कुछ एजेंट हैं जो शादी करवा देंगे।’’ साथ ही उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए कहा गया। कलमा पढ़ने, रोजा रखने और बुर्का पहनने की बात सिखाई गई। पकड़े गए लड़कों ने हाकिम कुरैशी का नाम भी बताया। हाकिम यहां का पूर्व पार्षद है। कुछ बच्चियों ने भी उसके नाम का जिक्र किया है।
सर्व हिंदू समाज के नेता शशि प्रकाश इंदोरिया ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस प्रकरण की जांच सी.बी.आई. से कराने की मांग की है। इंदोरिया के अनुसार, ‘‘एफ.आई.आर. में पीड़िताओं ने जबरन मुसलमान कबूलवाने के आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस इसकी अनदेखी कर रही है।’’ समाज में इस कांड को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। इंदोरिया ने जोर देकर कहा कि सी.बी.आई. वैज्ञानिक तरीकों से सबूत एकत्रित करती है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया मजबूत होगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जा सकेगी।
वहीं राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का कहना है, ‘‘सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। सरकार का संकल्प है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कड़ी सजा दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है।’’यहां यह भी बता दें कि पकड़े गए आरोपियों में एक भी स्कूल नहीं जाता। एक पूर्व पार्षद है। बाकी वेल्डिंग, ड्राइवर, पेंट करने और फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। इसके बावजूद उन्होंने कई स्कूली छात्राओं को अपना शिकार बनाया। पीड़ित छात्राओं के स्कूल आने-जाने का रास्ता कुछ आरोपियों के मौहल्ले के पास से होकर गुजरता था। इसी का फायदा उठाते हुए आरोपी छात्राओं का रास्ता रोककर उन पर दबाव
बनाते थे।
कौन हैं आरोपी
पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी ने इलाके के कई मुस्लिम लड़कों को अपने साथ जोड़ रखा था। पुलिस को दिए अपने बयान में एक बच्ची ने बताया है कि हकीम उससे कहता था कि ये गलत नहीं है और इससे कुछ नहीं होगा। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। सबसे पहली नाबालिग लड़की को फंसाने वाला 21 साल का आशिक मंसूरी विजयनगर में टेंपो चलाता है। वह अक्सर उस छात्रा के स्कूल के रास्ते में टेंपो खड़ा करता था। पहले उसने छात्रा से दोस्ती की। उसे की-पैड वाला छोटा सा चाइनीज मोबाइल दिला दिया।
रोज फोन पर उससे बात करता। वह छात्रा से इंस्टाग्राम पर भी जुड़ गया था। उसने छात्रा से फोटो-वीडियो मंगवाए। इतना ही नहीं, वह उसे बाहर घुमाने भी ले जाने लगा। इसी दौरान उसने छात्रा के आपत्तिजनक वीडियो बना लिए और उसे डराने-धमकाने लगा। इसी छात्रा के सहारे उसने एक अन्य लड़की को भी फंसा लिया। पहली लड़की के नंबर और उसके वीडियो अपने साथियों को साझा कर दिए। 20 साल का लुकमान उर्फ सोहेब गुलाबपुरा का निवासी है। वर्तमान में वह विजयनगर की एक वेल्डिंग शॉप में काम कर रहा था। लुकमान भी हकीम के गैंग का हिस्सा था। वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है और दिनभर आवारागर्दी करता था।
विजयनगर का ही रहने वाला 20 साल का करीम खां कुरैशी भी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। टेंपो चलाता था। अनजान लड़कियों से अश्लील चैटिंग करता था। करीम ने भी कई लड़कियों का शोषण किया। भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा निवासी 18 वर्षीय अफराज उर्फ जिब्राहील ने प्राथमिक शिक्षा से पहले ही स्कूल छोड़ दिया था। वह एक दोपहिया वाहन गैराज में रिपेयरिंग हेल्पर था। अफराज बालिकाओं को फोटो और वीडियो के जरिए धमका रहा था और उन पर धार्मिक आस्था बदलने का दबाव बना रहा था।
विजयनगर निवासी सोहेल मंसूरी उर्फ सोयल हुसैन अनपढ़ है। 19 वर्षीय सोहेल सभी आरोपियों में सबसे ज्यादा निर्दयी था। वह एक के बाद दूसरी और फिर तीसरी लड़की को जाल में फंसाता जा रहा था। बालिकाओं को सबसे अधिक डराने-धमकाने का काम भी वही करता था।
विजयनगर का रहने वाला 20 साल का रेहान उर्फ रियान मंसूरी पूरी तरह जाहिल है। सोहेल से ही उसे बच्चियों के फोटो-वीडियो और मोबाइल नंबर मिले थे। इनके साथ एक अन्य आरोपी जावेद भी है। श्रवण जाट, दीपक और सावरमल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये तीनों कैफे और पिज्जा हट से जुड़े हैं और आरोपियों से पैसे लेकर स्थान उपलब्ध कराते थे।
टिप्पणियाँ