तीर्थराज प्रयाग की पावन धरती पर आयोजित महाकुंभ में अनेक सेवा कार्य भी हुए। उनमें से एक था- नेत्रकुंभ। यह 5 जनवरी से 27 फरवरी तक चला। इसमें श्रद्धालुओं ने अपनी आंखों की जांच कराई। यह महान सेवा यज्ञ दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाली संस्था ‘सक्षम’ के नेतृत्व में अनेक सेवाभावी संगठनों के सहयोग से यशस्वी रहा। वास्तव में नेत्रकुंभ की परिकल्पना 2019 में प्रयागराज की पावन धरा पर आयोजित अर्द्ध कुंभ के अवसर पर आकार लेने लगी थी।

राष्ट्रीय संगठन मंत्री, सक्षम
बता दें कि भारत में आंखों के स्वास्थ्य को लेकर बहुत गंभीर चुनौती खड़ी हो रही है। अनुमान है कि एक करोड़ 25 लाख लोग पूरी तरह से दृष्टिबाधित या ‘लो-विजन’ का शिकार हैं और इनमें 15 लाख के आस-पास ऐसे लोग हैं, जो कोर्निया की खराबी के कारण देख नहीं पाते। लेकिन दुर्भाग्य से जागरूकता की बहुत कमी होने के कारण नेत्रदान जितना चाहिए उतना नहीं हो रहा है। दृष्टिबाधित लोगों की संख्या और न बढ़े और जो दूर किया जा सकने वाला अंधत्व है, उस पर भी ठीक से आंखों के सभी चिकित्सालय मिलकर काम करें। इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए नेत्रकुंभ की रचना मूर्त रूप लेने लगी। प्रारंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल की प्रेरणा से इसकी व्यापक योजना-रचना बनी। परिणामस्वरूप प्रथम नेत्रकुंभ आशातीत सफल रहा।
इससे पहले 2021 में हरिद्वार अर्द्ध कुंभ में छोटे-छोटे आठ नेत्र जांच केंद्र आयोजित हुए और बहुत ही कम समय में 50 हजार श्रद्धालुओं के नेत्रों की जांच की गई तथा 38 हजार लोगों को नि:शुल्क दवा व चश्मा प्रदान किया गया।
इस बार के नेत्रकुंभ में आंखों की जांच के अतिरिक्त भी कुछ विशेष उल्लेखनीय कार्य हुए। पूरे समय दो ओ.पी.डी.यूनिट चली, जिसमें मधुमेह की जांच हुई। इसके साथ ही रोगियों को दवा के साथ-साथ खानपान व योग्य दिनचर्या हेतु उचित मार्गदर्शन दिया गया। अत्याधुनिक मशीन द्वारा 10 मिनट में ‘ब्लड सैंपल’ के माध्यम से 50 से भी अधिक प्रकार की रिपोर्ट दी जा रही थी। सामान्य जांच हेतु भी 2 ओ.पी.डी. यूनिट का संचालन हुआ। सैकड़ों लोगों ने नेत्रदान का संकल्प भरकर दृष्टिबाधितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया। मुंह के कैंसर की जांच के लिए भी दो ओ.पी.डी. यूनिट का संचालन हुआ।
दृष्टिबाधित दिव्यांग बंधु-भगिनियों के जीवन को सुगम्य करने के उद्देश्य से ए.आई. लेस स्मार्ट विजन ग्लास ‘ज्योति’ व स्मार्ट केन (छड़ी) ‘सारथी’ स्मार्ट फोन के साथ वितरित किया गया। कुछ दृष्टिबाधितों को रोलर युक्त छड़ी भी प्रदान की गई। दृष्टिबाधित दिव्यांगों द्वारा सुमधुर सुंदरकांड, भजन-कीर्तन व कविता पाठ किया गया। इस संपूर्ण आयोजन में उत्तर प्रदेश सरकार, द हंस फाउंडेशन (उत्तराखंड), श्री रणछोड़दास बापू जी चैरिटेबल अस्पताल (राजकोट), श्री गोवर्धन इको विलेज पालघर (मुंबई), इस्कॉन, राष्ट्रीय सेवा भारती, नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन, स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन (उत्तराखंड), श्री रज्जू भैया सेवा न्यास (प्रयागराज), श्री भाऊराव देवरस न्यास (लखनऊ) इत्यादि संगठनों ने मनोयोग से सहयोग किया।
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